Farmers Electricity Bill: किसानों को बिजली बिल में राहत प्रदान करने के लिए कई राज्यों मे राहत योजनाएं चलाई जा रही हैं. महाराष्ट्र में भी भारी बारिश से कपास, सोयाबीन और मक्का समेत कई फसलों में नुकसान के बाद राज्य सरकार ने किसानों के बिजली बिल माफ कर दिया है. इस संबंध में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य बिजली विभाग को निर्देश जारी कर दिए है कि सितंबर और नवंबर में भारी बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है, इसलिए किसानों को बिजली के बिल भरने के लिए मजबूर ना किया जाए.


इसी कड़ी में राजस्थान सरकार भी किसान मित्र ऊर्जा योजना चला रही है, जिसके तहत किसानों को बिजली के बिल में 1,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस सब्सिडी योजना का लाभ राज्य के सभी किसानों को मिल रहा है, जिसके चलते अब 7 लाख 85 हजार किसानों के बिजली बिल जीरो हो चुके हैं. इस तरह सूबे के 50% से अधिक किसानों को बिजली फ्री में मिल रही है.


4 लाख कनेक्शन जारी करेगी सरकार


राजस्थान सरकार ने आने वाले 2 सालों में 4.88 लाख कृषि कनेक्शन जारी किए जाने का लक्ष्य रखा है. वहीं साल 2023-24 तक बकाया बिजली कनेक्शन जारी करने का प्लान है. इस योजना का आगाज 17 जुलाई, 2021 को  हुआ. तब ही से गांव में किसानों और अन्य कृषि कनेक्शन उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत दी जा रही है. इसी के साथ-साथ किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है. किसानों को पीएम कुसुम योजना और सौर कृषि आजीविका योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि खेती की लागत को किसी तरह कम किया जा सके. 






सौर ऊर्जा पर जोर


अब गुजरात की तरह राजस्थान भी सोलर स्टेट बनने की सफर पर चल पड़ा है. राज्य में सौर कृषि आजीविका योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत अब किसान अपनी बंजर जमीन पर सोलर प्लांट लगवाकर अच्छी आजीविका कमा सकते हैं. सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली उत्पादन करके बाजार में बेच सकते हैं या फसलों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.


इसके अलावा, राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा पर काम करते हुए 10,463 मेगावाट सौर ऊर्जा और 2700 मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए भी तमाम यूनिट्स लगाई गई हैं. राज्य में पीएम कुसुम योजना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके तहत सितंबर तक 42 मेगावाट क्षमता के सेंटर स्थापित हुए हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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