Subsidy on Agriculture Transportation: भारतीय किसानों को आत्मनिर्भर (Aatmnirbhar Kisan) बनाने और उनकी आमदनी को दोगुना करने के लिये कई महत्वपूर्ण योजनायें चलाई जा रही है. कुछ योजनाओं (Agriculture Schemes)के जरिये किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है तो वहीं कुछ स्कीम्स के जरिये किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी सुविधायें प्रदान की जाती है. किसान रेल (Kisan Rain) भी किसानों के हित में चलाई जा रही अहम योजनाओं में से एक है, जिसके जरिये अब फल और सब्जियों का देश-विदेश में निर्यात और भी आसान हो गया है. बता दें कि भारत में अभी तक कुल 2,359 किसान रेलों का नेटवर्क फल और सब्जियों की ढुलाई में मददगार साबित हो रहा है. किसान रेल की सेवाओं का लाभ लेने पर किसानों को और 50% तक का अनुदान (Subsidy On Kisan Rail) दिया जाता है.


किसान रेल की सेवाओं पर सब्सिडी
देश में बागवानी फसलों का रकबा बढ़ता जा रहा है. यहां उगाये गये फल और सब्जियां देश-विदेश में निर्यात किये जा रहे हैं, लेकिन फल और सब्जियों की कटाई-तुड़ाई के बाद शेल्फ लाइफ काफी कम होती है और इतने कम समय में कृषि उत्पादों को गंतव्य तक भी पहुंचाना होता है. ऐसी स्थिति में ट्रक और सामान ढोने वाले दूसरे वाहनों का काफी खर्च और समय की खपत होती है.  इस बीच फल और सब्जियों की क्वालिटी खराब होने का भी खतरा बना रहता है.


ऐसी स्थिति में किसान रेल की सेवाओं पर किसानों से सिर्फ पार्सल टैरिफ के पी-स्केल चार्ज किया जाता है. इतना ही नहीं, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Food Processing Ministry) ने भी फल-सब्जियों के ट्रांसपोर्टेशन के लिये 'ऑपरेशन ग्रीन्स- टॉप टू टोटल' (Operation Green Top to Total)स्कीम बनाई है, जिसके तहत किसानों को कृषि उत्पादों की ढुलाई पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जाती है. इस तरह किसानों पर कृषि परिवहन का आर्थिक बोझ नहीं पड़ता. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि अभी तक किसान रेल के माध्यम से 8 लाख टन से भी अधिक कृषि उत्पादों की ढुलाई की जा चुकी है.






इन कृषि उत्पादों पर किसान रेल की सुविधा
जानकारी के लिये बता दें कि कम शेल्फ लाइफ यानी जल्दी खराब होने वाली कृषि उत्पादों के निर्यात के लिये किसान रेल की सेवायें (Agriculture Transportation) प्रदान की जाती है. अभी तक किसान रेल के जरिये संतरा, आलू, प्याज, केला, आम, टमटार, अनार, कस्टर्ड एप्पल, शिमला मिर्च, चीकू और गाजर जैसी बागवानी फसलों के अलावा प्रमुख खाद्यान्न फसलों का अंतर्देशीय निर्यात ( Agriculture Export) हो रहा है.


वहीं मांस पोल्ट्री, मछली और डेयरी उत्पादों की आवाजाही को भी आसान बनाया जा रहा है. किसान रेल की सुविधा लेकर अब अन्नदाता देश की बड़ी मंडियों तक पहुंच बना सकते हैं. खासकर छोटे और सीमांत किसानों को किसान रेल (Kisan Rail) के माध्यम से अपनी कम उपज को बड़ी मंडियों तक पहुंचाकर सही दाम मिल जाते हैं. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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