AI Chatbot KissanGPT: कृषि क्षेत्र में आए दिन नए आविष्कार हो रहे हैं. किसानों की तरक्की का मार्ग प्रशस्त करने के लिए विज्ञान का पूरा सहयोग मिल रहा है. अब किसानों को हर तरह की मदद घर बैठे मिल जाती है. बिचौलियों का झंझट खत्म हो गया है और नई तकनीकों से जुड़कर किसान आधुनिक हो रहे हैं. भारतीय किसानों की तस्वीर बदलने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी बड़ा रोल है. इन दिनों चैटजीपीटी नाम की एआई तकनीक काफी मशहूर हो रही है. इस तकनीक से लगभग हर सेक्टर को जोड़ने की कवायद चल रही है. अब भारतीय किसान भी एआई तकनीक का इस्तेमाल कर खेती-किसानी से मुनाफा कमा सकेंगे. इसके लिए किसान जीपीटी नामक एआई चैटबॉट लॉन्च किया गया है.
इस पावरफुल एआई तकनीक की मदद से किसान घर बैठे सही समय पर सही फसल की खेती, मिट्टी प्रबंधन, सिंचाई, कीटनाशक, उर्वरक जैसे सभी कृषि कार्यों के लिए स्पेशल एडवायजरी ले सकेंगे.
आसान शब्दों में समझें तो अब किसान अपने स्मार्टफोन के जरिए 'किसान चैटबॉट' से बातचीत करके खेती में आ रही मुश्किलों का समाधान जान सकते हैं. आइए जानते हैं कि कैसे किसानों को इस एआई चैटबॉट का लाभ मिलेगा.
क्या है किसान जीपीटी
किसान जीपीटी को कृषि क्षेत्र को नई राहत पर ले जाने वाली गेम चेंजर तकनीक बताया जा रहा है. अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर अन्नदाता अब इस तकनीक की मदद से ना सिर्फ मुश्किलों का सही और सटीक समाधान ले सकते हैं, बल्कि किसान जीपीटी की कृषि सलाह के जरिए फसल का उत्पादन भी बढ़ा सकते हैं.
एआई आधारित किसान जीपीटी चैटपोट को भारतीय प्रोफेशनल प्रतीक देसाई ने तैयार किया है. प्रतीक देसाई अमेरिका बेस्ड कम्प्यूटर साइंटिस्ट हैं. किसान जीपीटी डिजाइन करने के पीछे प्रतीक देसाई का प्रमुख उद्देश्य किसानों और कृषि विशेषज्ञों के बीच की दूरी को कम करना, ताकि किसानों को बेहतर आमदनी कमाने के लिए सही समय पर सही जानकारी और सही संसाधन उपलब्ध हो सकें.
जानकारी के लिए बता दें कि किसान जीपीटी एआई चैटबॉट को 9 भाषाओं में लॉन्च किया गया है, जिससे कि ये तकनीक भारत के हर कोने में खेती करने वाले अन्नदाता तक पहुंचाई जा सके.
किसानों को खूब पसंद आ रहा है किसान जीपीटी
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन बेहद कम समय में किसान जीपीटी को किसानों से अच्छा फीडबैक मिल रहा है. किसान जीपीटी के यूजर्स ने बताया कि उन्हें किसान जीपीटी एआई चैटबॉट से सही फसल का चुनाव करने और सही तकनीक का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाने में मदद मिल रही है.
किसान जीपीटी की एडवायजरी लेकर किसान सही फैसला कर पा रहे हैं. अब किसान जीपीटी भारतीय किसानों को तमाम चुनौतियों से निपटने और कृषि क्षेत्र से बड़ी सफलता दिलाने में हेल्पिंग हैंड बनकर उभर रहा है. किसान बस अपने सवाल जीपीटी से पूछकर उनका समाधान पा रहे हैं.
इस एआई तकनीक पर सबसे ज्यादा सवाल पूछा गया है कि ज्यादा मुनाफे के लिए कौन सी सब्जियां बोई जाएं? कौन सी फसल की उत्पादकता सबसे अच्छी होती है? आदि. हाल ही में KissanGPT का इस्तेमाल यह प्रदर्शित करने के लिए किया गया था कि कैसे भारतीय स्क्वैश के जरिए करके 5 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं.
इस सवाल के जवाब में चैटबॉट ने किसानों को भारतीय स्क्वैश यानी लौकी उगाने के लिए सबसे बेहतरीन स्थितियों, पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय और सब्जी की मार्केटिंग के तरीकों की जानकारी दी.
क्यों डिजाइन किया गया KisaanGPT
किसान जीपीटी जैसे एक पावरफुल एआई टूल डिजाइन करने के पीछे प्रतीक देसाई का मेन फोकस था भारतीय किसानों को तकनीकी जानकारी देकर आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद करना है. ये किसानों की तकनीकी क्षमता को बढ़ाने का एक मिशन है.
प्रतीक देसाई ने यह भी माना है कि आज भारतीय किसानों को कई चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. इसमें फसलों के लिए सही दाम हासिल करने से लेकर डायरेक्ट मार्केटिंग जैसी चीजें शामिल हैं. इस सभी चुनौतियों से निपटने में किसान जीपीटी एआई चैटबॉट काफी मददगार साबित होगा.
बिजनेस इंसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों को सशक्त बनाने के पीछे प्रतीक देसाई का यह जुनून गुजरात में उनकी जड़ों से आया है. उन्होंने बचपन से ही अपने ग्रामीण समुदायों को चुनौतियों से जूझते और संघर्ष करते देखा है. फिलहाल प्रतीक देसाई का मेन फोकस देशभर के किसानों को सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, क्लाउड और एआई से जोड़ना है, ताकि वे कृषि के क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकें.
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