Kitchen Garden Tips: करी पत्ते का लेना है स्वाद तो किचन गार्ड में उगाएं, जानें आसान तरीका
करी पत्ते के तमाम फायदे होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इसे आसानी से घर में भी उगाया जा सकता है, आइए जानते हैं कैसे.
करी पत्ता यानि भारतीय भोजन के स्वाद और खुशबू को बढाने वाला पत्ता है. इसे तड़का लगाने के लिए जाना जाता है. ऐसे में अगर आप भी अपने घर के खाने में ताजा करी पत्ते का स्वाद लेना चाहते हैं, तो इसे घर पर ही आसानी से उगा सकते हैं और जब चाहे तब करी पत्ते का तड़का लगा सकते हैं.
बहुत बार ऐसा देखा जाता है कि घर में लगा करी पत्ते का पौधा सही से बढ़ रही पाता. यदि ऐसा हो रहा है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसके लिए एक आसान काम करना होगा. इसके लिए बस कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है.
ऐसे करें मिट्टी तैयार
करी पत्ते के लिए रेतीली-दोमट मिट्टी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस मिट्टी को घर पर ही तैयार किया जा सकता है. इसके लिए, गोबर की खाद, मिट्टी और रेत को समान मात्रा में मिला कर अच्छी तरह से बारिक कर लें. ताकि उसमें पानी निकासी की अच्छी सुविधा होगी.
8-10 इंच के गमले से हो सकती है शुरुआत
गमले का आकार पौधे की जड़ों के लिए पर्याप्त जगह वाला होना चाहिए. शुरुआत में 8-10 इंच के गमले से काम शुरू कर सकते हैं. जैसे-जैसे पौधा बढ़े, उसे बड़े गमले में लगा दें. गमले में जल निकासी के लिए छेद होना चाहिए.
ऐसे करें पौधे का रोपण
करी पत्ता का पौधा बीज या कटिंग से लगाया जा सकता है. बीज से लगाने में ज्यादा समय लगता है, इसलिए करी पत्ते के पौधे को कटिंग से लगाना ज़्यादा आसान होता है. स्वस्थ करी पत्ते के पौधे से 4-5 इंच लंबी कटिंग लेकर, कटिंग के पत्तों को आधा हटा दें और जड़ों को 1-2 घंटे के लिए पानी में भिगा दें. इसके बाद तैयार मिट्टी में कटिंग को लगाकर हल्के से पानी लगा दें.
पानी और धूप
करी पत्ते के पौधे में ज्यादा पानी न दें. मिट्टी सूखने पर ही पानी दें. गर्मियों में थोड़ा अधिक पानी देने की आवश्यकता होगी, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी में जलभराव न हो. करी पत्ते के पौधे को दिन में कम से कम 6 घंटे सूर्य की रोशनी की जरूरत होती है. करी पत्ते के पौधे के कमले को ऐसी जगह पर रखें, जहां पूरी धूप मिल सके.
करी पत्ते को दें खाद व उर्वरक
करी पत्ते के पौधे को नियमित रूप से खाद और उर्वरक की जरूरत होती है. गोबर की खाद, नीम की खली या जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए. 2-3 महीने में एक बार एनपीके उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए.
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