कीवी एक ऐसा फल है, जिसकी भारत में काफी डिमांड है. यह इम्यूनिटी स्ट्रांग करने साथ डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है. बता दें कि भारत में अब कीवी की खेती तेजी से हो रही है, जिस वजह से इस फल के लिए अब दूसरे देश पर निर्भर नहीं होना पड़ रहा है. किसान इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. 


कीवी की खेती


कीवी को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है, जहां पर ठंडी हवा आसानी से पहुंच सके, क्योंकि गर्म हवा कीवी को नुकसान पहुंचा सकती है. जानकारी के मुताबिक गहरी, दोमट, बलुई दोमट या हलकी अम्लीय मिट्टी कीवी की खेती के लिए बेस्ट मानी जाती है. ध्यान रहें कीवी का पौधा लगाने से पहले PH मान की जांच जरूर करवा लें. कवि का पौधा लगाते समय तापमान 15 डिग्री तक होना चाहिए.  


कीवी की किस्में 


भारत में कीवी की कई किस्में है. जिनमें हेवर्ड, एलीसन, टुमयूरी, एबॉट, मोंटी और ब्रूनो जैसी किस्मों की खेती लोकप्रिय है. इनमें सबसे ज्यादा डिमांड हेवर्ड किस्म की है. कीवी के पौधे को हर थोड़े दिनों में सिंचाई देनी होती है. खासकर गर्मी के दिनों में इसका ज्यादा ध्यान रखना होता है. इसके लिए ड्रिप इरिगेशन तकनीक का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है.


किसानों का मुनाफा


बता दें कि एक हेक्टेयर से 10 से 15 टन फल प्राप्त हो सकते हैं. कीवी के पौधों को फल देने में 2 से 3 साल लगते हैं. चार से पांच साल बाद इन पौधों में फल आते हैं. जिसे अच्छे तरीके से बड़ा होने में और बाजार में आने में 8 से 10 साल लग जाते हैं. इससे किसानों को गजब का मुनाफा होता है.


बता दें कि एक पेड़ 40 से 60 किलो कीवी का उत्पादन करता है. आप इन्हें तोड़ने के बाद तीन से चार महीने तक ठंडी जगह पर रख सकते हैं. बाजार में कीवी प्रति किलो की जगह प्रति नग के हिसाब से बिकता है अगर आप हेक्टेयर में कीवी की खेती करते हैं, तो इससे आपको हर साल 10 से 15 लाख रुपए की कमाई हो सकती है. 


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