Knol Khol Farming: गोभी जैसी ये नोल खोल सब्जी देती है कई गुना अधिक मुनाफा, इस समय खेती करके हो जायेंगे मालामाल
Kohlrabi Farming:जंगली गोभी नोल-खोल का इस्तेमाल बिल्कुल आम सब्जी की तरह ही किया जाता है. जहां इसके पत्तों को सलाद की तरह खाते हैं, वहीं इससे बने व्यंजन भी काफी स्वादिष्ट होते हैं.
Wild Cabbage Cultivation: नोल खोल को जंगली गोभी (Wild Cabbage Knol Khol) के नाम से भी जानते हैं, जो बंद गोभी से थोड़े छोटे आकार की होती है. ये इसलिये भी खास है, क्योंकि इसकी खेती दो साल में सिर्फ एक बार ही होती है. कश्मीर(Kashmir), पश्चिम बंगाल (West Bengal) और कर्नाटक (Karnataka) के किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. अमेरिका जैसे देशों में ये जंगली गोभी काफी लोकप्रिय है. वहां इसे व्यावसायिक तौर (Commercial Farming of Wild Cabbage) पर साल में कई बार उगाया जाता है, लेकिन लंबी अवधि फसल होने के कारण भारत में इसकी खेती कम ही होती है, जिसके कारण मंडियों में इसकी मांग बनी रहती है. सर्द इलाकों में इसकी खेती पूरे साल भी कर सकते हैं.
नोल खोल के फायदे
जंगली गोभी नोल-खोल का इस्तेमाल बिल्कुल आम सब्जी की तरह ही किया जाता है. जहां इसके पत्तों को सलाद की तरह खाते हैं, वहीं इससे बने व्यंजन भी काफी स्वादिष्ट होते हैं. वैसे तो ये गोभी परिवरा का ही सदस्य फल है, जिसमें ब्रोकोली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, और गाई लैन जर्मन शलजम आदि सब्जियां भी शामिल है. इसकी ऊपरी परत सफेद, हल्का हरा और बैंगनी रंग की होती है, जो दिखने में आकर्षक और स्वाद में लाजवाब होती है.
नोल खोल की खेती
भारत में नोल खोल यानी जंगली गोभी की खेती के लिये रबी सीजन सबसे उपयुक्त रहता है. वैसे तो इसकी पहली फसल में पाले के कारण नुकसान की संभावना रहती है, लेकिन पॉलीहाउस या ग्रीन हाउस में इसकी फसल लगाकर अच्छी आमदनी ले सकते हैं.
- बेहतर उत्पादन के लिये भारी दोमट मिट्टी या अत्यधिक अम्लीय और क्षारीय मिट्टी में भी इसे उगा सकते हैं. ध्यान रखें कि मिट्टी की पीएच मान 6.5 से 7.0 तक ही होना चाहिये.
- प्रति हेक्टेयर खेत में नोल खोल उगाने के लिये कम से कम 1 से 1.5 किलो ग्राम बीजों की जरूरत होती है, जिनसे नर्सरी में उन्नत पौधे तैयार किये जाते हैं.
- इससकी नर्सरी सिंतबर से लेकर अक्टूबर के बीच तैयार की जाती है, ताकि अक्टूबर-नवंबर तक इसकी रोपाई का काम किया जा सके.
पोषण प्रबंधन
जंगली गोभी उगाने के लिये खेतों में अंतिम जुताई से पहले 20 से 25 टन गोबर की खाद, P205, K20 की पूरी खुराक और नाइट्रोजन की आधी मात्रा डालना फायदेमंद रहता है
- इसकी अच्छी बढ़वार के लिये मौसम के अनुसार हर 4 से 7 दिन के बीच सिंचाई करते रहे, जिससे मिट्टी में नमी कायम रहे.
- नोल खोल की फसल अधिक पानी सहन नहीं कर सकती, इसलिये खेत में जल निकासी की व्यवस्था जरूर करें.
खरपतवार की रोकथाम
वैसे तो जंगली गोभी एक जड़दार फसल है, जिसके लिये बैड बनाकर ही खेती करनी चाहिये. इससे खरपतवारों की संभावना नहीं रहती.
- साधारण खेती के दौरान नोल खोल की फसल में खरपतवार दिखते ही पेंडामिथालिन दवा की 1 से 2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर मात्रा का छिड़काव करें.
- निराई गुड़ाई के समय खेत या फसल में कार्बनिक पदार्थों से भरपूर वर्मी कंपोस्ट खाद और नाइट्रोजन की बची हुई आधी मात्रा जरूर मिलायें.
नोल खोल की खेती से आमदनी
जंगली गोभी यानी नोल खोल की उन्नत खेती (Advanced Farming of Knol Khol) करने पर मात्र 45 से 60 दिन में ही इसकी फसल पककर तैयार हो जाती है, जिससे 200 क्विंटल तक मोटी उपज ले सकते हैं. बाजार में जंगली गोभी (Wild Cabbage) को 40 से 50 रुपये किलो के भाव पर बेचा जाता है. इस प्रकार नोल-खोल उगाकर (Knol Khol Cultivation) आसानी से 2 लाख तक कमा सकते हैं
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