PM Pranam Scheme: केंद्र सरकार रासायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizer) के उपयोग कम करने के लिए पीएम प्रणाम योजना लॉन्च करने जा रही है. इस योजना के तहत खेती में रासायनिक उर्वरकों के कम से कम उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा. वहीं सरकार की कोशिश है कि किसान बिना उर्वरक वाली खेती की तरफ बढ़ें. इस योजना की विशेष बात यह है कि सब्सिडी (Subsidy on Fertilizer) की बचत से राज्य भी मालामाल होंगे. 


सब्सिडी बचत की 50 प्रतिशत तक मिलेगी धनराशि
केंद्र सरकार कैमिकल फर्टिलाइजर पर हर साल करोड़ों रुपये की सब्सिडी कंपनियों को देती है. इससे केंद्र को घाटा तो होता ही है, कैमिकल फर्टिलाइजर से खेती की जमीन को नुकसान अलग होता है. रासायनिक खाद से जमीन की उर्वरकता भी कम होती है. केंद्र सरकार ने योजना की मदद से इन्हीं समस्याओं का समाधान करने की कोशिश की है. सब्सिडी बचत का 50 प्रतिशत उसी राज्य को दिया जाएगा, जो सब्सिडी बचाएगा. वह इस धनराशि का उपयोग अपने जिले के विकास में कर सकता है.


2021 में 1.62 लाख करोड़ दी थी सब्सिडी
सरकार की हर संभव कोशिश सब्सिडी को कम करने की है. वर्ष 2021 में रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी 1.62 लाख करोड़ दी गई थी. वर्ष 2022 में यह पिछले साल से 39 प्रतिशत अधिक 2.25 लाख करोड़ होने का अनुमान है. सरकार का प्रयास है कि केंद्र का पैसा जो उर्वरक कंपनियों के खाते में जा रहा है. इससे जबरन रासायनिक उर्वरकों का उपयोग भी बढ़ा है. इसके समाधान के लिये राज्य सरकार पोषक जैव उवर्रकों को बढ़ावा देकर सब्सिडी (Subsidy on Fertilizer) को अपने खाते में डाल सकते हैं.


पिछले 3 सालों की होगी रासायनिक उर्वरकों की समीक्षा
रासायनिक उर्वरकों की समीक्षा पिछले 3 सालों की होगी. दरअसल केंद्र सरकार देखेगी कि एक साल में रासायनिक उर्वरकों का जो उपयोग कम हुआ है, उसमें पिछले 3 सालों में यूरिया की खपत (Urea Consumption) की क्या स्थिति थी. उसी के आधार पर रासायनिक उर्वकरों (Chemical Fertilizer) की खपत कम या अधिक मानी जाएगी. जैव उर्वरकों के उपयोग की दिशा में विशेषज्ञ इस योजना को मील का पत्थर मान रहे हैं.


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