Rose Apple in India: भारत एकता में अनेकता वाला देश है. भाषाओं में विविधिता, खान-पान में विविधिता, अलग-अलग मौसम, मिट्टी, तापमान और यहां तक की खेती-किसानी में भी विविधता देखी जाती है. देश में एक ही फल, सब्जी, अनाज की हजारों वैरायटी मिल जाएंगी, जिनके अलग-अलग फायदे होते ही हैं, इन्हें उगाने के तरीके भी सबसे अलग होते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही एक खास फल की खूबियां बताएंगे, जिसकी महक और स्वाद गुलाब जैसी होती है, इसलिए इसे रोज एप्पल यानी गुलाब सेब भी कहते हैं.
हल्के पीले रंग का यह फल सफेद जामुन, बेल फ्रूट, वॉटर एप्पल के नाम से भी पहचाना जाता है. वैसे तो इस फल की मांग देश-दुनिया में है, लेकिन इसका उत्पादन गिने-चुने इलाकों से ही मिलता है. हर साल मार्च-अप्रैल के बीच गुलाब एप्पल का सीजन आता है. अंडमान-निकोबार द्वीप समूहों पर रोज एप्पल की खेती बड़े लेवल पर की जा रही है.
किस काम आता है रोज एप्पल
असल में रोज एप्पल फ्रूट कच्चा होता है. सलाद के तौर पर रोज एप्पल का सेवन बेहद पौष्टिक बताया जाता है. फलों का स्वाद कुछ खट्टा होता है, इसलिए सिरका और शराब बनाने में भी रोज एप्पल का काफी इस्तेमाल होता है. पश्चिम बंगाल में भी रोज एप्पल आसानी से मिल जाते हैं. कई किसान इस वजह से भी रोज एप्पल नहीं उगाते, क्योंकि इसके बीज जहराले होते है. बेशक फल काफी पौष्टिक है, लेकिन बीज के कारण खाने में सावधानी बरतनी पड़ती है.
रोद एप्पल के फायदे
रोज एप्पल में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इसी वजह से फलों का स्वाद खट्टा होता है.
- इसके नियमित सेवन से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत रहती है.
- इसमें मौजूद विटामिन-सी और अन्य मिनरल्स त्वचा में कोलेजन के लेवल को बूस्ट करते हैं, जिससे स्किन हेल्दी रहती है.
- रोज एप्पल के डायटरी फाइबर्स डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं, ताकि पेट के रोगों का खतरा भी दूर रहे.
- गर्मियों में पानी की कमी को दूर करता है और डयरिया जैसी बीमारियां नहीं लगती.
- रोज एप्पल को वजन घटने के साथ-साथ ब्लड़ शुगर को कंट्रोल करने में मददगार बताते हैं.
कैसे करें खेती
आईसीएआर-सेंट्रल हॉर्टीकल्चर एक्सपेरीमेंट स्टेशन, भुवनेश्वर ने रोज एप्पल की बंपर उत्पादन करने वाली किस्म आर्का नीलाचल अक्षय विकसित की है. इसके पौधे रोपाई के बाद जल्दी बड़े हो जाता है और 85 से 90 दिन के अंदर फल भी पककर तैयार हो जाते हैं. रोज एप्पल की आर्का नीलाचल वैरायटी के एक ही पेड़ से 10 से 12 किलोग्राम फलों का उत्पादन ले सकते हैं.
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