Fall Armyworm on Maize Crop: मक्का(Maize) एक नकदी फसल है, जिसकी खेती मुख्य रूप से खरीफ फसल चक्र(Kharif Season) के दौरान की जाती है. विशेषज्ञों की मानें तो मक्का की फसल में समय-समय पर निगरानी(Pest Control) करते रहना बेहद जरूरी है क्योंकि मौसम बदलाव के चलते फसल में कीड़े और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. खासकर इस मौसम में फॉल आर्मीवर्म (Fall Armyworm)नाम वाले कीड़ों से किसान तंग आ जाते हैं. ये कीड़े टिड्डियों की तरह ही झुंड बनाकर फसल को चट कर जाते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो इस कीड़े का प्रकोप पिछली बार रबी सीजन (Rabi Season)की फसलों में देखा गया था, लेकिन अब राजस्थान(Rajasthan) के अजमेर और चित्तौ़डगढ़ जिले के करीब 50 हेक्टेयर जमीन पर इन्होंने दोबारा कब्जा कर लिया है. 


क्या है फॉल आर्मीवर्म
फॉल आर्मीवर्म फसलों का खराब करने वाला बहु भक्षी कीडा है, जो तंबाकू की इल्लियों की प्रजाति में शामिल है.  ये कीड़े टिड्डियों की तरह खाने की तलाश में 100 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर करते हैं. ये कीड़े खेतों में खड़ी फसलों की पत्तियों और भुट्टों को ढंकने वाले खोल पर घर बनाते हैं और उन्हें खुरचकर खा जाते हैं. इनके प्रकोप से मक्का की पत्तियों पर सफेद रंग की धारियां भी बनने लगते हैं. वैसे तो ये सिर्फ 30-35 दिनों तक ही जीते हैं, लेकिन एक ही रात में ये फसलों को नुकसान पहुंचाने की ताकत भी रखते हैं.  खासकर मादा आर्मीवर्म फसलों में अंडे देकर समस्या को और बढ़ा देती हैं. 


कहां ये आया ये कीड़ा
फॉल आर्मीवर्म का सबसे पहला आतंक अमेरिका में देखा गया, जिसके बाद करीब 44 अफ्रीकी देशों में इसके प्रकोप से काफी नुकसान देखा गया. भारत में सबसे पहले इस कीड़े को 2018 में कर्नाटक के शिवमोंगा में देखा, जिसके बाद बेंगलुरू, हसन, आंध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार की फसलों पर भी ये मंडराने लगे. अपने जीवन काल में ये कीड़े करीब 1000 अंडे देकर 100 किलोमीटर तक उडान भर सकते हैं. 


ऐसे करें बचाव
जैसा कि ज्यादातर खेतों में खरीफ फसलें विकसित हो रही है. कुछ खेतों में इसका प्रकोप देखा जा चुका है, जिसके समाधान के लिये उचित कीट नियंत्रण करना बेहद जरूरी है ताकि ये दूसरी फसलों पर न फैल पायें. इसके अलावा जिन खेतों में फॉल आर्मीवर्म नहीं पहुंचे हैं, वे पहले से ही सावधानियां बरतकर संकट से निपट सकते हैं.



  • इस प्रकार के कीड़ों के प्रकोप से निजात पाने के लिये खेतों में जैविक कीट नियंत्रण (Organic Pest Control) करना फायदेमंद रहता है.

  • जैविक कीट नियंत्रण के लिये खेत में नीम से बने कीट नाशक(Neem Pe का छिड़काव करें.

  • खेतों में समय-समय पर निगरानी करते रहें और फसल में कीड़ों दिखने पर विशेषज्ञों की सलाहनुसार कीट नाशकों का छिड़काव करें.

  • फसल में इस कीड़े की अंडे दिखते ही उन्हें नष्ट कर दें, और कीट नाशक का छिडकाव करें.

  • कीड़ों की बढ़त को रोकने के लिये पहले से ही एक एकड़ खेत में 100 किलोग्राम नीम की खली मिलायें.

  • फॉल आर्मीवर्म को नष्ट करने के लिये एक एकड़ खेत में 40 ग्राम एमामेक्टिन बेंजोएट 5 एस.जी को छिड़कें.

  • किसान चाहें तो सुविधा के अनुसार 100 ग्राम फ्लूबेंडामाइड 20 डबल्यूजी या 70 मिलीलीटर स्पिनोसेड 45 ई. सी को भी फसल पर छिड़क सकते हैं.

  • एक एकड़ खेत में 4-6 फेरोमन ट्रेप (Pheromone Trap)लगाकर भी इस कीड़े के प्रकोप को कम किया जा सकता है.

  • शुरुआत में खेत तैयार करते समय मिट्टी में 100 ग्राम नीम की खली(Neem Urea) या जीवामृत(Jeevamrit) जरूरी मिलायें, इससे कीड़ों का प्रकोप कम हो जाता है.


 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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