Organic Fertilizer: महज 18 दिन में किसानों की जिंदगी बदल देगी ये वाली खाद, आप भी जानें इसे बनाने का तरीका
Organic Farming: खेती के सूखे और हरे कचरे से बनने वाली बर्कले खाद अभी सिर्फ सब्जियों की खेती के लिये इस्तेमाल की जा रही है.
Berkeley Organic Fertilizer: भारत में जैविक खेती(Organic Farming) करने वाले किसान कई प्रकार की जैविक खादों (Organic Manure)का प्रयोग करते हैं. अभी तक जैविक खाद की सूची में सिर्फ गोबर की खाद, केंचुये की कंपोस्ट खाद (Compost Fertilizer) और नीम से बनी हरी खाद (Green Fertilizer)का नाम शामिल था, लेकिन सब्जी फसलों (Vegetable Crop) को भरपूर पोषण देने वाली बर्कले खाद भी किसानों के बीच फेमस हो रही है.
बता दें कि ये जैविक खाद (Organic Manure)अमेरिका के बर्कले में स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (California University, Berkeley)की उपज है, जो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)के किसानों के बीच धूम मचा रही है. इसके इस्तेमाल से सब्जियों की क्वालिटी में काफी इजाफा देखा गया है. यही कारण है कि कई गैर सरकारी संगठन भी अब किसानों को बर्कले खाद (Berkeley Manure) बनाने की ट्रेनिंग दे रही है. खेती के सूखे और हरे कचरे से बनने वाली ये खाद अभी सिर्फ सब्जियों की खेती (Vegetable Farming)के लिये इस्तेमाल की जा रही है.
इस तरह बनायें बर्कले खाद (Process of Making Berkeley Fertilizer)
अगर सही तरीके से बर्कले खाद को बनाया जाये तो ये महज 18 दिन में तैयार हो जाती है. इसे बनाने के लिये खेती और रसोई का कचरा भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
- बर्कले खाद को तीन-तीन परतों की मीनार बनाकर तैयार किया जाता है, जिसमें पहली परत बायोडिग्रेडेबल कचरे (Bio-Degradable Waste)की होती है.
- दूसरी परत में खेत के हरे कचरे और सूखे चारे के साथ-साथ हरी घास और पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है.
- तीसरी परत में गाय का गोबर लगाया जाता है, जिससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ जाती है.
- बर्कले खाद (Berkeley Manure) बनाते समय इन तीनों साधनों को बारी-बारी से जमीन पर डालकर गोलाई में मोटी परत लगाई जाती है और एक मीनार खड़ी की जाती है.
- इस खाद को बनाने के लिये 5 से 8 जैविक परत लगाने के बाद पानी का छिड़काव किया जाता है, जिससे खाद की मीनार टिकी रहे.
- जैविक कचरे से मीनार बनाने के बाद उसे प्लास्टिक की शीट से ढंक दिया जाता है और 18 दिन बाद खाद तैयार हो जाती है.
- बर्कले खाद तैयार करके बाद 18 दिनों तक इस खाद को बारिश और पानी से बचायें, जिससे विघटन की प्रक्रिया ठीक प्रकार हो जाये.
- ये जैविक खाद सिर्फ 18 दिन में तैयार हो जाती है. यही कारण है कि व्यावसायिक और निजी जरूरतों के हिसाब से साल में कई बार इसे बनाकर बेच सकते हैं.
While striving for empowerment of rural communities TRIF has always been cognizant of nurturing the environment. One such initiative is training farmers on Shivansh or Berkeley compost - easily made, is more effective than normal compost, is 100% organic#WorldEnvironmentDay pic.twitter.com/hgVufZ5NQg
— Transforming Rural India Foundation (@TRIFoundation) June 5, 2022
किसानों को मिल रही है ट्रेनिंग (Training for making of Berkeley Fertilizer)
बर्कले खाद को बनाने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) द्वारा चलाये जा रहे ग्रामीण आजीविका मिशन (Rural Livelihood Mission) के तहत ग्रामीण महिलाओं को बर्कले खाद बनाने की ट्रेनिंग दी गई, जिससे ये महिलायें आत्मनिर्भर बन सकें.
- ये सौदा छोटे और सीमांत किसानों के साथ-साथ पशुपालकों के लिये फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि इसे बेचने पर किसानों को अतिरिक्त आमदमी मिल जाती है और व्यक्तिगत खेती की जरूरतें भी पूरी हो जाती है.
- भारत के किसान अब जैविक खेती (Organic Farming)की अहमियत समझने लगे हैं. यही कारण है कि संसाधनों की बचत करने के लिये खेती के साथ-साथ किसानों को जैविक (Organic Manure) और कंपोस्ट खाद (Compost Manure) की यूनिट लगाने की सलाह भी जाती है.
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