Milk Production through Dairy Farming: भारत में बड़े पैमाने पर पशुपालन और डेयरी फार्मिंग का काम किया जाता है. इसकी मदद से पशुपालक दूध बेचकर अच्छा लाभ तो कमा ही लेते हैं. साथ ही ये गांव के दूसरे लोगों के लिये रोजगार का जरिया बनता है.  यही कारण है कि ज्यादातर किसान पशुपालन के जरिये अच्छी आमदनी लेने के लिये खुद का डेयरी फार्म भी खोल लेते हैं. अगर आप भी पशुपालन के जरिये कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो खुद का डेयरी फार्म शुरु कर सकते हैं. जहां पर पशुओं के दूध की बिक्री से आमदनी और पशुओं के गोबर और मूत्र से खेती के लिये जैविक खाद बनाने में भी काफी मदद मिलती है.


सरकार से अनुमति
गाय, भैंस, बकरी आदि पशुओं को पालने वाले पशुपालक या किसान अपना डेयरी फार्म शुरु कर सकते हैं. इसके लिये सबसे पहले पशुपालन विभाग से संपर्क करके डेयरी शुरु करने की अनुमति लेनी होती है. विभाग से अनुमति मिल जाने पर डेयरी फार्म के लिये सही जगह का चुनाव करना होता है.


जगह का चुनाव करते समय ध्यान रखें कि आस-पास जलवायु हवादार और खुली हुई हो, जिससे कि पशुओं को घूमने-फिरने में कोई दिक्कत न हो. इसके बाद पशु की नस्ल यानी गाय, भैंस या बकरी में से किसी भी पशु का चुनाव कर सकते हैं. जाहिर है कि बाजार में सभी पशुओं के दूध का मूल्य अलग ही होता है. 


मिलेंगे ये फायदे


जानकारी के लिये बता दें कि देश में दूध और डेयरी उत्पादों की मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में बाजार में गाय और भैंस के शुद्ध दूध, पनीर और खोये के अच्छे भाव मिल जाते हैं.



  • पशुओं की छोटी इकाई शुरू करने पर भी पशुपालकों को डेयरी फार्म से काफी मुनाफा हो जाता है

  • उदाहरण के लिये 15 पशुओं की इकाई में हर पशु से दिनभर में 10 लीटर दूध मिल जाता है.

  • ऐसे में 15 पशुओं से 150  लीटर दूध मिल जाता है जो बाजार में 50 रुपये लीटर तक बिकता है.

  • इस तरह से पशुपालक को दिनभर में 7000 से 10,000 तक की कमाई हो सकती है.

  • इस आमदनी से पशुओं के हरे चारे और देखभाल का इंतजाम हो जाता है और पशुपालकों को अच्छी-खासी बचत हो जाती है .


 


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