Romaine Lettuce Cultivation: भारत में आजकल विदेशी किस्म के व्यंजन पंसद किये जा रहे है, जिसमें इस्तेमाल होने वाली सब्जियां भी ज्यादातर विदेशों से ही आयात हो रही हैं. इन्हीं सब्जियों में शामिल है रोमन लेट्यूस, जो एक पत्तेदार नकदी फसल भी है. बाजार और मॉल्स में अच्छी-खासी कीमत पर बिकने वाली ये पत्तेदार सब्जी सलाद, बर्गर, पिज्जा जैसे कई व्यंजन बनाने में काम आती है. इसमें मौजूद प्रोटीन और अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्व सेहत के लिये काफी लाभकारी होते हैं.


बात करें रोमन लेट्यूस की खेती के बारे में, तो ये हरे रंग की ये प्रजाति सूजमुखी परिवार की सदस्य है, जिसे उगाना बेहद आसान है. किसान चाहें तो इसकी परंपरागत खेती या हाइड्रोपॉनिक्स में उगाकर अच्छा लाभ कमा सकते हैं.


कैसे करें खेती
रोमैन लेट्यूस की खेती से सालभर में कई बार पैदावार ले सकते हैं, लेकिन धूप और पानी से भरपूर ठंडा वातावरण इसकी खेती के लिये सबसे बेहतर रहता है. किसान चाहें तो बाजार मांग के हिसाब से पॉलीहाउस या ग्रीनहाउस में भी रोमन लैट्यूस को उगा सकते हैं.



  • रोमन लेट्यूस की सीधे बिजाई नहीं की जाती, बल्कि नर्सरी तैयार करके खेत की मेड़ों पर इसकी रोपाई की जाती है.

  • इसकी खेती के लिये अच्छी नमी और पोषण वाली बलुई मिट्टी और बलुई दोमट मिट्टी अच्छी रहती है.

  • रोमन लेट्यूस की खेती के लिये अच्छे पानी और धूप की जरूरत होती है.

  • इसलिये रोपाई के बाद इसकी फसल में शाम के समय सिंचाई काम कर देना चाहिये.

  • अकसर इसकी फसल के साथ खरपतवार भी उग जाते हैं, जो पैदावार को खराब करते हैं. इन पौधों को उखाड़कर मिट्टी में गाड़ देना चाहिये.

  • समय-समय पर मिट्टी में निराई-गुडाई करने से पत्तेदार सब्जी को अच्छी बढ़वार भी मिलती है.

  • पत्तेदार फसल होने के कारण इसमें कीड़े, बीमारियां और गलन की संभावना लगी रहती है, इसलिये जैविक कीटनाशक ही फसलों पर छिडकें.

  • ध्यान रखें कि रोमन लेट्यूस एक कम अवधि वाली फसल है जो 40 दिन में पककर तैयार हो जाती है.

  • इसलिये फसल तैयार होने के 7 दिन के अंदर रोमन लेट्यूस को जड़ समेत काटकर बाजार में बेच देना चाहिये.


लागत और आमदनी
बड़े-बड़े शहरों के नजदीकी इलाकों में रोमन लेट्यूस की खेती करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है, क्योंकि 5 स्टार होटलों से लेकर फूड़ पाइंट कैफे और अमीर घरानों में इसकी मांग बनी रहती है. इसकी खेती के लिये अच्छी किस्म के बीजों का ही चुनाव करें, जिससे क्वालिटी प्रॉडक्शन में काफी मदद मिलेगी. एक हैक्टेयर इलाकों में इसकी रोपाई करने पर सिर्फ 40 दिनों के अंदर 120 क्विंटल सब्जी की उपज मिल जाती है, जिसे बाजार में 80-120 रूपये किग्रा के भाव पर बेचा जाता है. रोमन लेट्यूस के फायदों को देखते हुये कई देश बड़े पैमाने पर इसकी खेती कर रहे हैं और करोड़ों टन उपज के साथ अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे हैं,.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


 


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