Animal Husbandry: भारत में खेती के साथ-साथ पशुपालन करने का प्रचलन पुराने समय से ही चला आ रहा है. खासकर भारत के किसान और यहां की ग्रामीण आबादी को देसी गाय पालन करने में काफी दिलचस्पी हैं, क्योंकि पोषण से भरपूर देसी गाय का A2 दूध और दूसरे प्रॉडक्ट पोषण के साथ-साथ डायबिटीज को भी कंट्रोल करते है. इतना ही नहीं, देसी गाय के गोबर से खेतों के लिये जीवामृत भी बनता है, जो प्राकृतिक खेती के जरिये फसल उत्पादन बढ़ाने में काफी मददगार है.


आज भारत में देसी गाय की कुल 26 नस्लें पाई जाती हैं, जिन्हें दुधारू, दोहरे उद्देश्य और ड्राफ्ट गायों की किस्मों में बांटा गया है. बात करें देश की सबसे अच्छी दुधारु किस्म वाली गायों की, तो साहीवाल, गिर, लाल सिंधी, देओनी आदि डेयरी फार्मिंग में मुनाफा बढ़ा सकती है. तो वहीं सामान ढोने और बेहतर क्वालिटी का दूध देने वाली दोहरे उद्देश्य वाली गायों में हरियाणवी, ओंगोल, थारपारकर, कंकरेज आदि गायों का नाम शामिल है. बात करें ड्राफ्ट यानी कम दूध उत्पादन और बेहतर मालवाहक क्षमता वाली गाय और बैलों की तो इसमें राजस्थान की नागोरी गाय से लेकर, मालवी, केलरीगढ़, अमृतमहल, खिलारी, सिरी गायों का नाम लिया जाता है.


डेयरी फार्मिंग
जो किसान शहरों के नजदीकी ग्रामीण इलाकों में देसी गाय पालन के जरिये अच्छी आमदनी लेना चाहते हैं, वो पांच-दस देसी गायों के साथ डेयरी फार्म शुरु कर सकते हैं. डेयरी फार्म शुरु करने के लिये करीब 10-12 वर्ग फुट जमीन काफी रहेगी. ध्यान रखें कि शुरुआत से ही अच्छा मुनाफा कमाने के लिये डेयरी फार्म को शहर को नजदीकी इलाके में बनायें, जिससे समय पर चारा-पानी की व्यवस्था और पशु चिकित्सक से संपर्क बन सके. 



  • समय-समय पशु चिकित्सकों से गायों का चेक अप करायें और बीमारियों से बचाव के लिये टीकाकरण भी करायें.

  • देसी गायों के तबेले को ऊंचाई पर बनायें, जिससे बारिश, गर्मी या सर्दी के मौसम में जल भराव की स्थिति न रहे.

  • गायों को रोजाना 30-40 मिनट तक सुबह-शाम सैर-सपाटे पर ले जायें.

  • देसी के तबेले को साफ सुथरा रखें. पशुओं को भी नहला-धुलाकर साफ रखें, जिससे बीमारियों का खतरा न रहें.

  • गायों की नकेल और गले में रस्सी को हल्का ही बांधे, जिससे उनको शारिरिक कष्ट न हो.

  • इंसानों की तरह देसी गाय को भी तनावमुक्त रखना बेहद जरूरी है, इसलिये देसी गायों के सामने दुर्व्यवहार न करें, उन्हें लाड़-दुलार से पालें.

  • गायों के लिये समय-समय पर पानी, अच्छा पशु आहार और रोजाना हरे चारे देते रहें, जिससे दूध की क्वालिटी मेंटेन रहे.

  • कम भूख लगने पर देसी गायों को समय-समय पर नमक, गुड़ और खली का सेवन करायें.

  • गायों के बेहतर पाचन के लिये सूखे चारे के साथ हरा चारा भी खिलाते रहें.


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