Wheat Cultivation: गेहूं की खेती का मन बना रहे हैं तो इन खास किस्मों के बारे में जान लें, नुकसान के बिना होगी रिकॉर्ड तोड़ कमाई
Wheat Cultivation: खरीफ सीजन की धान के बाद ज्यादातर किसान अक्टूबर-नवंबर माह में रबी सीजन की गेहूं की बिजाई का काम करते हैं. इस फसल से बेहतर उत्पादन लेने के लिये उन्नत किस्मों का चयन करना चााहिये.
Top Varieties of Wheat: देशभर में खरीफ फसलों का उत्पादन (Kharif Crop Production) अपने पीक पर चला रहा है और फसलों में तेजी से प्रबंधन कार्य (Kharif Crop Management) किये जा रहे हैं. इस बीच ज्यादातर किसान रबी सीजन (Rabi Season 2022) के लिये खाद-बीज का इंतजाम करने में जुटे हैं, ताकि खरीफ फसलों की कटाई (Kharif Crop Harvesting) के बाद रबी फसलों की बुवाई का काम शुरू कर सकें. बता दें कि गेहूं को रबी सीजन(Wheat Cultivation in Rabi season) का प्रमुख नकदी फसल है, जिसकी खपत और उत्पादन काफी बड़े स्तर पर होता है, इसलिये खरीफ सीजन की धान के बाद ज्यादातर किसान अक्टूबर-नवंबर माह में रबी सीजन की गेहूं की बिजाई (Sowing Wheat) का काम करते हैं. गेहूं की खेती से अच्छी क्वालिटी और अधिक मात्रा में उत्पादन लेने के लिये उन्नत किस्मों (Top Varieties of Wheat) का चयन करना बेहद जरूरी है. इसके लिये वैज्ञानिकों ने करण नरेंद्र, करण वंदना और करण श्रिया किस्मों से खेती करने का सुझाव दिया है.
करण नरेंद्र
गेहूं की नई और उन्नत किस्मों में करण नरेंद्र (Karan Narendra) का नाम शीर्ष पर लिया जा रहा है. यह डीबीडब्ल्यू 222 (DBW-222)से भी जानी जाती है, जो बुवाई के 143 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है. करण नरेंद्र गेहूं की किस्म लगाकर 65 से 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन ले सकते हैं. इस किस्म की सबसे खास बात है कि गेहूं की बाकी किस्मों के मुकाबले करण नरेंद्र सिर्फ 4 सिंचाईयों में ही तैयार हो जाती है. इस गेहूं से बनी रोटी काफी पौष्टिक और नरम रहती है.
करन वंदना
करण वंदना (Karan Vandana) किस्म को डीबीडब्ल्यू-187 (DBW-187) नाम से भी जानते हैं. यह गेहूं की रोगरोधी किस्म है, जिसमें पीला रतुआ और ब्लास्ट जैसी बीमारियों के आसार काफी कम होते हैं. करण वंदना किस्म से बुवाई के 120 दिनों बाद 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार ले सकते हैं. ICAR-IIWBR के वैज्ञानिकों के मुताबिक, गंगा के तटीय इलाकों में करण वंदना यानी डीबीडब्ल्यू-187 से काफी अच्छा और क्वालिटी उत्पादन ले सकते हैं.
करण श्रिया
करण श्रिया यानी डीबीडब्ल्यू-252 किस्म (DBW-252) की खेती के लिये अधिक पानी की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि सिर्फ एक सिंचाई में भी यह किस्म प्रति हेक्टेयर 55 क्विंटल तक पैदावार दे जाती है. करण श्रिया किस्म से बुवाई करके मात्र 127 दिनों के अंदर बंपर उत्पादन ले सकते हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल (ICAR-IIWBR) के वैज्ञानिकों की मानें तो करण श्रिया (Karan Shriya Wheat) अभी तक की सबसे अच्छी नवीनतम किस्म है, जिसकी बुवाई करके उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में बेहतर उत्पादन (Wheat Production) ले सकते हैं.
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