भारत एक कृषि प्रधान देश है. देश में बड़े पैमाने पर फसलों की खेती की जाती है. अगर बात की जाए तो पश्चिमी यूपी में बड़े स्तर पर आलू की खेती की जाती है. किसान भाइयों के काफी आलू तो बाजार में या फिर फैक्ट्रियों में चले जाते हैं. लेकिन काफी बड़ा हिस्सा बच जाता है. ऐसे में किसान उन्हें सड़ने से बचाने के लिए कोल्ड स्टोर में रखते हैं. आपने देखा भी होगा कि कई बार एक बड़ी से बिल्डिंग के आसपास ट्रैक्टरों की लाइन लगी होती है. ऐसा नहीं है कि कोल्ड स्टोर में केवल आलू का भंडारण होता है या अन्य फसलें भी रखी जा सकती हैं.  


एक्सपर्ट्स के अनुसार कोल्ड स्टोर किसानों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण हैं. यहां किसान भाई अपनी फसलों को बेहतर तरीके से स्टोर और प्रबंधित करते हैं. कोल्ड स्टोर फसल को कीटों और बीमारियों से बचाता है. कोल्ड स्टोर टेम्परेचर व हुमिडिटी को कम करके फसलों के खराब होने की दर को कम करता है. ये फल और सब्जियों को ताजा और स्वादिष्ट बनाए रखने में मदद करता है.


किसानों का नुकसान होता है कम


कोल्ड स्टोर में कम टेम्परेचर व हुमिडिटी होने के चलते फसलों में कीट और बीमारी नहीं होती है. ये भंडारण के दौरान होने वाले नुकसान को कम करता है. कोल्ड स्टोर में रखी गई फसलों को बाजार में बेहतर मूल्य मिलता है. साथ ही किसानों की आय को बढ़ाने में मदद करता है. रिपोर्ट्स के अनुसार कोल्ड स्टोर में रखी गई फसलों की गुणवत्ता और सुरक्षा बेहतर होती है.


कंटेनरों का होता है यूज


एक्सपर्ट्स के अनुसार कोल्ड स्टोर में तापमान को आमतौर पर 0 डिग्री सेल्सियस से 4 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जाता है. कोल्ड स्टोर में फसलों को विभिन्न प्रकार के कंटेनरों में रखा जाता है. देश में कोल्ड स्टोर की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकार की तरफ से भी कोल्ड स्टोर के निर्माण और विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.


यह भी पढ़ें- इस दिन आ जाएगा पीएम किसान योजना का पैसा, इन किसानों को नहीं मिल सकेगा फायदा