Evergreen Mango Variety: फलों का राजा कहे जाने वाले आम की खेती से एक ही बार फल उत्पादन मिलता है, लेकिन देश-दुनिया में आम की मांग साल भर बनी रहती है, इसलिए इसे कोल्ड स्टोर करके भी रखा जाता है. किसानों को आम की खेती से साल में एक ही बार कमाई होती थी, लेकिन अब कोटा, राजस्थान के किसान ने आम की ऐसी वैरायटी तैयार कर ली है, जिससे ऑफसीजन में भी बंपर फलों का उत्पादन मिलेगा. यह आम की सदाबहार किस्म है, जिसे कोटा के किसान वैज्ञानिक श्रीकृष्ण सुमन ने तैयार किया है. इस किस्म के पेड़ों से साल में 3 बार फल उत्पादन लिया जा सकता है यानी अब से किसानों को आम के बागों से 3 बार कमाई हो सकेगी.
कहां कर सकते हैं खेती
एक्सपर्ट बताते हैं कि सदाबहार आम एक ड्वार्फ यानी बौनी प्रजाति है, जिसके पेड़ का साइज ज्यादा बड़ा नहीं होता. आप चाहें तो अपने किचन गार्डन में सदाबहार आम का पौधा लगा सकते हैं. सदाबहार आम दिखने मं लंगडा आम की तरह ही होता है. इसका रंग नारंगी और गूदा फाइबर और मिठास से भरपूर है. राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली और हरियाणा में सदाबहार आम की खेती की जा सकती है. एक हेक्टेयर में सदाबहार आम की बागवानी करके 5 से 6 टन फलों की पैदावार मिल जाती है.
बेहद खास है सदाबहार आम
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कोटा में आयोजित दो दिवसीय कृषि महोत्सव प्रशिक्षण एवं प्रदर्शनी में किसान वैज्ञानिक श्रीकिशन सुमन ने सदाबहार आम के पेड़ों की प्रदर्शनी भी लगाई. उन्होंने बताया कि यह वैरायटी चलन और ग्राफ्टिंग के जरिए विकसित की गई है. इसके पौधा बाकी किस्मों के मुकाबले तेजी से बढ़ता है और 2 साल के अंदर फलों का उत्पादन मिल जाता है. सदाबहार आम के पेड़ की पत्तियां गहरे हरे रंग की होती है और डालियों पर 3 ऋतुओं में बौर लगते हैं.
श्रीकृष्ण सुमन बताते हैं कि खेतों में यह सदाबहार आम के पेड़ लगाने पर एक ही सीजन में 1.5 से 2 क्विंटल तक फल उत्पादन ले सकते हैं. फलों का वजन 200 से 350 ग्राम तक होता है, जिसमें 16 टीएसएच है. खेत को अच्छी तरह तैयार करके 15*15 पर पौधों की रोपाई कर सकते हैं. सिर्फ गोबर की खाद से ही सदाबहार आम के पेड़ों से बंपर फल उत्पादन मिल जाएगा. किसानों को अलग से कैमिकल डालने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. ऑफसीजन में सदाबहार आम के पेड पर गुच्छों में फल लगते हैं.
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