एग्रीकल्चर फील्ड में हैं बहुत संभावनाएं, सीएम योगी ने कृषि क्षेत्र को लेकर कहीं ये बड़ी बात
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश व देश में कृषि उत्पादन को बढ़ाने व प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को 'कृषि भारत-2024 कार्यक्रम' के उद्घाटन समारोह में कहा कि. किसानों को सूदखोरी के चंगुल से मुक्त करके स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर कर सकें, इस दिशा में ढेर सारे प्रयास देश में 10 वर्षों के अंदर हुए. अभी भी बेहतरी की गुंजाइश है. बेहतर तकनीक का उपयोग करते हुए हम कैसे कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ा सकते हैं, इस पर फोकस करना होगा.
सीएम योगी ने कहा कि देश के अंदर अलग-अलग राज्यों के अपने अनुभव होंगे, अलग अलग एग्रीकल्चर क्लाइमेटिक जोन के अनुसार देश के विभिन्न क्षेत्रों ने उल्लेखनीय प्रगति की, विश्व में भी विषम परिस्थितियों के बीच ऐसा हुआ है. ऐसे में, अगर बेस्ट प्रैक्टिसेज को शेयर करते हैं तो बहुत कुछ हम लोग एक-दूसरे से सीख सकते हैं.कृषि व प्रौद्योगिकी के इस चार दिनी महाकुंभ का आयोजन वृंदावन योजना मैदान में किया जा रहा है.
उन्होंने कृषि को उद्यमिता से जोड़ने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर फोकस किया.कार्यक्रम से पूर्व सीएम योगी ने कंट्री पार्टनर नीदरलैंड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक में भी हिस्सा लिया, जिसमें नीदरलैंड्स के उप कृषि मंत्री जैन कीस गोएट, नीदरलैंड्स की राजदूत मारिसा गेरार्ड्स की उपस्थिति में प्रतिनिधिमंडल संग बैठक की.
कृषि भारत प्रदर्शनी का हो रहा आयोजन
उत्तर प्रदेश सरकार और नीदरलैंड्स के बीच 2 एमओयू भी साइन किए गए हैं और प्रदर्शनी के विभिन्न स्टॉल्स का सीएम योगी ने अवलोकन भी किया.20,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में 'कृषि भारत प्रदर्शनी' का आयोजन हो रहा है, जहां कृषि के सतत विकास व नवाचार को शोकेस किया जा रहा है. कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उपकरण व कृषि सेवाओं और प्रौद्योगिकी से जुड़ी अन्य सेवाओं इस प्रदर्शनी में 250 से ज्यादा प्रदर्शक और एक लाख से अधिक कृषक और आगंतुक कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराएंगे.
कृषि फील्ड में बहुत संभावनाएं
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारत की सबसे बड़ी आबादी निवास करती है. यह 17 प्रतिशत यानी 25 करोड़ है. देश की कुल कृषि योग्य भूमि का प्रदेश में केवल 11 प्रतिशत है, मगर हमारा कृषि उत्पादन देश के कुल एग्रीकल्चर प्रोडक्शन का 20 प्रतिशत है, जो कि हमारे उत्तम जल संसाधन और उर्वरा भूमि ताकत को दर्शाता है. इसमें अभी भी बहुत संभावनाएं हैं. वर्तमान में हमें डिजिटल एग्रीकल्चर और टेक्नोलॉजी के माध्यम से जो उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है उसे हम तीन से चार गुना बढ़ा सकते हैं.
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इन बातों पर किया फोकस
कृषि की लागत को कम करना और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही केमिकल फर्टिलाइजर पर निर्भरता को घटाकर प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने पर सीएम योगी ने फोकस किया. उन्होंने कहा कि किसानों को इसके बारे में जागरूक करना, बीज को बाजार में पहुंचाने की सुलभता, किसान को उपलब्ध कराने और कृषि को उद्यमिता से जोड़ते हुए एक व्यापक बदलाव की गुंजाइश है.