Agri Machine Subsidy: केंद्र व राज्य सरकारें किसानों को सब्सिडी पर उपकरण मुहैया करा रही हैं. पराली प्रबंधन हो या अन्य फसल का मैनेजमेंट सरकारें बहुत छूट के साथ किसानों को उपकरण देती हैं. बिहार में भी 90 मशीनों पर ठीक ठाक सब्सिडी दी जा रही है. अच्छी बात ये है कि अब योजना की डेडलाइन भी बढ़ा दी गई है. किसान तुरंत आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं.
17 जनवरी तक बढ़ाई डेडलाइन
कृषि यांत्रिकीकरण योजना का लाभ देने के लिए एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट ने अब इसकी डेडलाइन बढ़ा दी है. योजन के तहत पहले 31 दिसंबर तक ही उपकरण पाने के लिए आवेदन कर सकते थे. अब इसे बढ़ाकर 17 जनवरी कर दिया गया है. किसान 17 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. सामान्य वर्ग को 40 से 50 प्रतिशत, एससी-एसटी को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी पर यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे. लोकल यंत्र निर्माताओं के यहां से यंत्र खरीदने पर 10 प्रतिशत तक अतिरिक्त सब्सिडी विभागीय स्तर से दी जाएगी.
किसान इन मशीनों को खरीद सकते हैं
फसल प्रबंधन के लिए किसान रोटरी मल्चर, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, रीपर कम बाइंडर व अन्य यंत्र खरीद सकते हैं. खेती बाड़ी में मजदूरों का संकट रहता है. समय पर मजदूर न मिलने से ना तो फसल की बुवाई हो पाती है और न ही कटाई. इसी को देखते हुए किसानों को 9 तरह के यंत्र देने की व्यवस्था की गई है. पैडी ट्रांसप्लांटर, पैडर ड्रम सीडर, सीड ड्रील जैसे महत्वपूर्ण उपकरण भी सब्सिडी पर मिल रहे हैं. इस मशीन के उपयोग में मजदूरों की जरूरत कम पड़ती है. वहीं, तैयार उपज की हार्वेस्टिंग के लिए मिनी राइस मिल, स्ट्रॉ फीडर व अन्य उपकरण खरीद सकते हैं. इसके अलावा थ्रेसर, चैप कटर, पैडी थ्रेसर, सिंचाई पाइप, कल्टीवेटर व खेतीबाढ़ी में काम आने वाले कुल 90 तरह के उपकरण किसानों को सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं.
7 दिन में लेना होगा उपकरण
अधिकारियों का कहना है कि परमिट जारी होने के बाद किसान मशीन नहीं खरीदते हैं. इससे विभाग को परेशानी होती है. पहले परमिट जारी होने के बाद 15 दिन का समय होता था यानि 15 दिन में किसान मशीन खरीद सकता था. लेकिन जो नई डेडलाइन बढ़ी है. उसमें परमिट वाले समय को घटाकर 7 दिन कर दिया गया है. परमिट जारी होने के 7 दिनांे में किसान को यंत्र खरीदना पड़ेगा.
ये डॉक्यूमेंट हैं जरूरी
किसानों को गूगल सर्च कर एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के पोर्टल OFMAS को ऑपन कर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.. अप्लाई करते समय किसान निबंधन संख्या, नाम, पता, एलपीसी व तीन साल का कैरेट रसीद व अन्य तरह की जानकारियां भी साझा करनी होंगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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