Lady Papaya Farming In Bihar: खेती में किसान आपदा की मार झेलता है. खरीफ सीजन में बाढ़, बारिश और सूखे ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया. किसानों की लाखों रुपये की फसल बर्बाद हो गई. हालांकि केंद्र व राज्य सरकारों ने किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए मदद की. लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं, जोकि परंपरागत खेती से हटकर करते हैं तो अच्छा खासा मुनाफा कमा लेते है. आज ऐसे ही किसान के बारे में बताएंगे. जिन्होंने 6 महीने में लागत से अधिक कमाई कर ली. 


बिहार के किसान की इनकम हुई डबल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के सहरसा स्थित कहर प्रखंड निवासी मोरु सिजबुल ने ऐसे ही पपीते की खेती की. इस खेती से उन्होंने 6 महीने में इनकम डबल हो गई. अच्छी बात ये रही कि पपीते की ऊंचाई अधिक नहीं रही तो फल हाथ से ही तोड़ लेते हैं. बाजार में भी उनके पपीते को लोग पसंद कर रहे हैं. उन्हें मनमाफिक दाम भी मिल रहे हैं. 


यहां से ली पपीते की पौध, 6 महीने में आए फल 
मो. सिजबुल ने मीडिया को बताया कि उद्यान निदेशालय की ओर से संचालित एजेंसी सेंट्रल एक्सीलेंट केसरी से रेड लेडी पपाया नामक नई प्रजाति के 50 पौधे मंगवाए. पिछले साल 22 मार्च को पौधा लगा दिया. अब सभी पेड़ पर पपीते पक गए हैं. मीठें भी अधिक हैं. विशेष बात यह रही कि नई प्रजाति के बीज में 6 महीने में ही पपीते का फल किसान को मिल रहा है. 


एक पेड़ से मिला 20 किलो पपीता
पपीते के साथ अच्छी बात यह रही कि एक तो बेहद कम समय में पपीता आ गया है. वहीं वजन भी ठीक ठाक है. सभी 50 पेड़ों पर फल आ गया है. एक पेड़ से 20 किलो तक पपीता आ जाता है. अब आसपास जिले के किसान उनसे जानकारी लेने के लिए पहुंच रहे हैं. 


30 हजार रुपये लागत, कमाई डबल
किसान सजबुल ने बताया कि पेड़ की ऊंचाई करीब साढ़े 3 फीट है. इसके फल को आसानी से तोड़ लिया जाता है. इसकी बुवाई और सारे काम में करीब 30 हजार रुपये की लागत आई थी. अब बाजार में एक किलोग्राम पपीते की कीमत 50 रुपये है. कमाई देखें तो डबल से ज्यादा मुनाफा मिल रहा है. 


 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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