Success Story: इस किसान से सीखिये इंच-इंच जमीन का सही इस्तेमाल, एक ही बार में 17 फसलों से लिया Full Organic प्रॉडक्शन
Organic Farming: किसान लक्ष्मी नारायण कुशवाहा आज अपनी सीढीनुमा जमीन पर फल-सब्जियों की बागवानी के साथ-साथ मक्का, मूंगफली और तिल समेत 17 फसलों तक की पैदावार ले रहे हैं.
Mixed Farming: खेती-किसानी में नये-नये बदलाव हो रहे हैं. अब किसान नई तकनीकों के जरिये ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic farming) को बढ़ावा दे रहे हैं. इससे फसलों का क्वालिटी उत्पादन मिल रहा है, साथ ही एक ही साथ कई फसलों की खेती भी कर सकते हैं. ऐसी ही खेती के तरीकों में शामिल है सीढीनुमा खेती (Multilayer farming), जिसके तहत अब इंच-इंच जमीन पर फसलें उगाई जा रही है. इस तरह खेत का कोई हिस्सा खाली नहीं बचता और किसानों को अलग-अलग फसलों को बेचकर दोगुना आमदनी भी मिल जाती है.
इसी तरह के प्रयासों से सफलता हासिल की है सागर, मध्य प्रदेश के लक्ष्मी नारायण कुशवाह ने, जिन्होंने पारंपरिक फसलों के साथ-साथ बागवानी फसलों की सीढीनुमा खेती की और अब फल, सब्जी अनाज समेत करीब 17 फसलों की खेती(MIxed farming) करके अच्छा पैसा कमा रहे हैं.
बारिश से भी खराब नहीं होती फसलें
मध्य प्रदेश के सागर जिले स्थित जैसीनगर के किसान लक्ष्मी नारायण कुशवाहा आज 17 फसलों का एक साथ प्रॉडक्शन लेने के चलते देशभर में मशहूर हो रहे हैं. फिलहल वो अपनी एक हेक्टेयर सीढीनुमा जमीन पर फल-सब्जियों की बागवानी के साथ-साथ मक्का, मूंगफली और तिल जैसी नकदी फसलों तक की पैदावार ले रहे हैं.
कई सालों पहले तक उनकी फसलें तेज बारिश, दवा और पानी के कारण बह जाती थी, जिससे खेती करना मुश्किल हो जाता था. उस समय जमीनें ढलान पर थी, लेकिन लक्ष्मीनारायण के पिता और दादा ने मिलकर खेत को सीढ़ीनुमा बनाया और इस पर मल्टीपल क्रॉपिंग करके 3 से 4 फसलों का उत्पादन लेने लगे.
खेतों में एक साथ उगती है ये फसलें
आज लक्ष्मी नारायण कुशवाहा के खेत में गिलकी, लौकी, कटहल, अमरूद, केले, संतरा, चीकू और आम जैसी बागवानी फसलों (Horticulture) का काफी मोटा प्रॉडक्शन मिलता है. इनमें से ज्यादातर फल और सब्जियों के पौधों की रोपाई 15 साल पहले की थी, जिसके बाद अब 10 साल से इनका काफी अच्छा प्रॉडक्शन मिल रहा है.
इसके अलावा उन्होंने अपने खेतों में टिशू कल्चर (Tissue Culture) से विकसित केले की बागवानी भी शुरू की है. ये जी-90 प्रजाति के पौधे हैं, जो करीब डेढ साल पहले दमोह से मंगवाकर लगाये हैं. इस तरह अभी 200 पौधों की अच्छी बढ़वार हो चुकी है. इसकी के साथ-साथ मल्टी लेयर क्रॉपिंग के तौर पर हल्दी और अदरक की खेती भी हो रही है. ये फसलें भी समय-समय पर काफी अच्छी पैदावार दे रही हैं.
6 टुकड़ों में करते हैं खेती
फिलहाल लक्ष्मीनारायण कुशवाह ने अपने खेतों में मल्टीपल क्रॉपिंग के तौर पर मूंगफली, तिल और मक्का की फसल लगाई हुई है. उन्होंने सीढीनुमा खेती (Multilayer farming) के लिये अपनी जमीन को 6 टुकड़ों में बांटा है. इस तरह किसान लक्ष्मी नारायण अपने खेत के बीचों-बीच तो सब्जी और दूसरी तिलहनी फसलें लगाते हैं और खेत की मेड़ों पर चारों तरफ मक्का की फसल लगाई हुई है.
अब उनकी जमीन पर फलदार पेड़ों के साथ-साथ मूंगफली और तिल की फसलों का विकास एक ही साथ हो रहा है. इसके अलावा बीच-बीच में प्याज, धनिया, फूलगोभी और पत्तागोभी जैसी सीजनल सब्जियां (Vegetable Farming) लगाकर भी अतिरिक्त आमदनी कमा लेते हैं. इस सीजन में किसान लक्ष्मीनारायण कुशवाहा ने फूलों की अलग-अलग किस्मों की फसल (Floriculture) लगाई है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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