PM Kisan Samman Nidhi: जमीन के दस्तावेज जमा नहीं किए, झारखंड में 11 लाख किसानों को भेजे पीएम किसान सम्मान निधि के पैसे, अब रिकवरी की तैयारी
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत जमीन के कागज न जमा करने के बावजूद 11 लाख से अधिक किसानों ने किस्त ले ली. अब सरकार सभी किसानों से वसूली की कार्रवाई करने जा रही है.
PM Kisan Samman Nidhi: पीएम किसान निधि की 12वीं किस्त किसानों खाते में पहुंच चुकी है, लेकिन देश में करोड़ों किसान ऐसे भी हैं, जिनके अधूरे ई-वेरिफिकेशन की वजह से किस्त नहीं पहुंच पाई है. केंद्र ने सम्मान निधि की किस्त पाने के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है. केंद्र सरकार के पास सैकड़ों ऐसी शिकायतें पहुंच रही थीं कि योजना के तहत अपात्र किसानों के खाते में धनराशि जा रही है. इसी फर्जीवाड़े को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने e-KYC जरूरी कर दिया था.
आज हम आपको ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने केंद्र और राज्य, दोनों की टेंशन बढ़ा दी है. देश के अकेले झारखंड में 11 लाख ऐसे किसान पाए गए हैं, जिन्होंने अभी तक जमीन का दस्तावेज जमा नहीं किए और किस्त लेते रहे. केंद्र सरकार इनकी जांच कराकर रिकवरी की तैयारी में जुट गई है.
11 लाख किसानों ने जमा नहीं किए दस्तावेज
केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के लिए शर्ते निर्धारित की हैं. उनमें सरकारी नौकरी न होना, सालाना इनकम, निर्धारित भूमि समेत अन्य मापदंड स्थापित किए गए हैं. यदि किस्त लेने वाला किसान इन मापदंडों पर खरा नहीं है तो वह अपात्र माना जाएगा. किस्त पाने के लिए किसान को एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट या फिर ऑनलाइन ही खेती के दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं. लेकिन झारखंड में ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें पिछले 3 सालों से 11 लाख 20 हजार 323 किसानों ने किस्त जमा नहीं की और योजना का लाभ लेते रहे.
4 लाख किसानों ने नहीं कराया केवाईसी अपडेट
राज्य में पीएम किसान योजना का लाभ लेने वाले किसानों के रिकॉर्ड की बात करें तो वर्ष 2019 में मई महीने तक करीब 31 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें से 11 लाख किसानों ने दस्तावेज जमा नहीं किए. करीब 4 लाख किसान ऐसे मिले हैं, जिन्होंने ई-केवाईसी अपडेट नहीं कराया है. केंद्र सरकार की ओर से लगभग 15 लाख किसानों के खाते में किसान निधि की रकम नहीं भेजी गई है.
e- KYC है अनिवार्य
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आने वाली धनराशि को पाने के लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन तय की है. उन गाइड लाइन पर जो खरा उतरता है. उसी किसान के खाते में सरकार पैसे भेजती है. लेकिन पिछले कुछ समय से केंद्र व राज्य सरकार को शिकायत मिली थी कि काफी संख्या में अपात्र भी योजना का लाभ ले रहे हैं. अपात्रों को लिस्ट से बाहर करने के लिए सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट की ओर से ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया इस साल ई-केवाईसी के कारण ही किस्त करीब डेढ़ महीने लेट हुई है. और इसी के चलते देशभर में करीब साढ़े 4 करोड़ किसान लिस्ट से बाहर हो गए हैं.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.