एक्सप्लोरर

Farmer's Pay: खेतिहर मजदूरों-किसानों को कितनी कम सैलरी मिलती है? आपको भी हैरान कर देंगे RBI के ताजा आंकड़े

Rural Daily Wages: भारतीय रिजर्व बैंक के संकलित आंकड़ों से पता चला है कि महंगाई और बढ़ती ब्याज दरों के बीच कई राज्यों में खेतिहर मजदूरों को बेहद कम भुगतान मिलता है. ये है राज्यों की लिस्ट.

Farmers Lowest Paid: महंगाई का सबसे बुरा असर ग्रामीण क्षेत्र और आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों पर ही पड़ता है. इस सूची में सबसे ऊपर खेतिहर मजदूरों का नाम आता है, जिनके पास खुद की जमीन नहीं होती, बल्कि दूसरे खेतों में मजदूरी करके ही अपनी जीवनयापन करते हैं. इन खेतिहर मजदूरों के हालात क्या हैं? इन सवाल को विस्तार से समझाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने ताजा आंकड़े जारी किए हैं. इस डाटा में गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल और जम्मू-कश्मीर समेत कुछ राज्यों के नाम शामिल हैं, जहां खेतिहर मजदूरों को सबसे कम तो कहीं सबसे अच्छा भुगतान मिला है. 

इन राज्यों में सुधार की जरूरत
भारत में दैनिक मजदूरी राष्ट्रीय औसत 323.2 रुपये है, लेकिन मध्य प्रदेश और गुजरात में खेतिहर मजदूरों को मेहनत का कम ही पैसा मिल रहा है. आरबीआई के संकलित डाटा के अनुसार, मध्य प्रदेश के खेतिहर मजदूरों को रोजाना 217.8 रुपये मिलते हैं. वहीं गुजरात में मार्च 2022 तक खेतिहर मजदूरों को हर दिन 220.3 रुपये का पेमेंट मिलता रहा.

जम्मू कश्मीर के कृषि मजदूरों के हालात औसत ही हैं. यहां हर दिन 524.6 रुपये, हिमाचल प्रदेश में 457.6 रुपये और तमिलनाडु में 445.6 रुपये प्रति दिन खेकी मजदूरी मिलती है. चिंता की बात ये भी है कि चाहे देश में महंगाई हो या ब्याज दरें बढ़ जाएं, लेकिन इन खेतिहर मजदूरों को भुगतान मुश्किल से ही बढ़ता है.

केरल में सबसे ज्यादा सैलरी
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार,  केरल के खेतों में काम करने वाले खेतिहार मजदूरों को सबसे ज्यादा भुगतान मिल रहा है. यहां भी खेतिहर मजदूर 25 दिन ही काम करते हैं, जिसके लिए 18.170 रुपये की पेमेंट दी जाती है. यहां साल 2021-22 में खेतिहर मजदूरों को रोजाना 726.8 रुपये का मेहनताना मिला. सबसे ज्यादा भुगतान करने वाले इस राज्य ने दूसरे राज्यों से भी मजदूरों को आकर्षित किया. इसी का नतीजा है कि 25 लाख प्रवासी मजदूर आज केरल में रहकर आजीविका कमा रहे हैं.

कोरोना में बिगड़े हालात
गुजरात में खेतिहर मजदूर को 25 दिन काम मिलता है, जिसके लिए 5,500 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाता है. अब यदि किसान परिवार में 4 से 5 सदस्य हैं, तो ये गुजारा करने के लिए काफी नहीं है. महंगाई के दौर में इतने कम में आजीविका चलाना तक मुश्किल हो जाता है. वहीं उत्तर प्रदेश में प्रति दिन 270 रुपये, महाराष्ट्र में 282.2 रुपये और उड़ीसा में 269.5 रुपये का भुगतान मिला.

भारतीय रिजर्व बैंक के डाटा से पता चला है कि साल 2021-22 के समय, जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, तो ज्यादातर राज्यों में खेतिहर मजदूरों की हालत भी खस्ता थी. इस तरह कोविड-19 ने ना सिर्फ शहरों में नौकरियां और आमदनी पर असर डाला, बल्कि गांव में भी स्थानीय रोजगार को प्रभावित किया.

गांव में खेती पर निर्भर नौकरियां
जाहिर है कि भारत के ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर रोजगार खेती-किसानी पर ही आधारित होता है. यहां मानसून के दौरान रबी और खरीफ फसलों के उत्पादन के बीच खेतिहर मजदूरों की कुछ आमदनी हो जाती है. इसके अलावा, गांव में चल रहे कुछ कंस्ट्रकशन से भी ये मजदूर पैसा कमा लेते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांव के खेतिहर और गैर-कृषि मजदूरों की सैलरी कुछ खास बेहतर नहीं हुई है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें:- बढ़ती मांग के बावजूद क्यों ठप हो रहा देसी कपास का कारोबार, यहां जानें पूरा मामला

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

अल-कायदा की साजिश पर NIA का बड़ा एक्शन, बिहार-बंगाल समेत 6 राज्यों में की छापेमारी
अल-कायदा की साजिश पर NIA का बड़ा एक्शन, बिहार-बंगाल समेत 6 राज्यों में की छापेमारी
Bihar Politics: 'मंदिर-मस्जिद करने वालों को गले लगाते हैं', पटना पहुंचते ही सीएम नीतीश पर बरसे तेजस्वी यादव
'मंदिर-मस्जिद करने वालों को गले लगाते हैं', पटना पहुंचते ही सीएम नीतीश पर बरसे तेजस्वी यादव
Juhi Chawla की ग्रैंड वेडिंग की ख्वाहिश रह गई थी अधूरी, सास ने किए थे 2 हजार इनवाइट कैंसिल, जानें वजह
जूही चावला की ग्रैंड वेडिंग की ख्वाहिश रह गई थी अधूरी, सास ने किए थे 2 हजार इनवाइट कैंसिल
मुंबई इंडियंस ने किया है रिटेन, लेकिन IPL 2025 का पहला मैच नहीं खेल पाएंगे हार्दिक पांड्या
मुंबई इंडियंस ने किया है रिटेन, लेकिन IPL 2025 का पहला मैच नहीं खेल पाएंगे हार्दिक पांड्या
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Kajal Raghwani के इल्जामों का दिया Khesari Lal Yadav ने जवाब ? क्यों नहीं हैं घरवालों को Khesari पर भरोसा?Top News: 3 बजे की बड़ी खबरें फटाफट अंदाज में | Jharkhand | Maharashtra Election | UPPSC | PrayagrajAaditya Thackeray EXCLUSIVE: मुस्लिम आरक्षण...महाराष्ट्र चुनाव पर सबसे विस्फोटक इंटरव्यू | abp newsBhopal News:'हॉस्टल वार्डन ने हमें मंदिर जाने से रोका, बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी की छात्राओं के आरोप से मचा हंगामा

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अल-कायदा की साजिश पर NIA का बड़ा एक्शन, बिहार-बंगाल समेत 6 राज्यों में की छापेमारी
अल-कायदा की साजिश पर NIA का बड़ा एक्शन, बिहार-बंगाल समेत 6 राज्यों में की छापेमारी
Bihar Politics: 'मंदिर-मस्जिद करने वालों को गले लगाते हैं', पटना पहुंचते ही सीएम नीतीश पर बरसे तेजस्वी यादव
'मंदिर-मस्जिद करने वालों को गले लगाते हैं', पटना पहुंचते ही सीएम नीतीश पर बरसे तेजस्वी यादव
Juhi Chawla की ग्रैंड वेडिंग की ख्वाहिश रह गई थी अधूरी, सास ने किए थे 2 हजार इनवाइट कैंसिल, जानें वजह
जूही चावला की ग्रैंड वेडिंग की ख्वाहिश रह गई थी अधूरी, सास ने किए थे 2 हजार इनवाइट कैंसिल
मुंबई इंडियंस ने किया है रिटेन, लेकिन IPL 2025 का पहला मैच नहीं खेल पाएंगे हार्दिक पांड्या
मुंबई इंडियंस ने किया है रिटेन, लेकिन IPL 2025 का पहला मैच नहीं खेल पाएंगे हार्दिक पांड्या
Pramod Krishnam: ‘बस नाम के हिंदू हैं कांग्रेस अध्यक्ष’, खरगे ने आतंकी से की CM योगी की तुलना तो भड़के आचार्य प्रमोद कृष्णम
‘बस नाम के हिंदू हैं कांग्रेस अध्यक्ष’, खरगे ने आतंकी से की CM योगी की तुलना तो भड़के प्रमोद कृष्णम
लाखों लोगों की मौत और हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा, कहानी तंबोरा के विस्फोट की
लाखों लोगों की मौत और हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा, कहानी तंबोरा के विस्फोट की
Dev Uthani Ekadashi 2024: देव उठानी एकादशी का व्रत कैसे तोड़ा जाता है?
देव उठानी एकादशी का व्रत कैसे तोड़ा जाता है?
भुने हुए चने छिलके सहित खाने से होते हैं गजब के फायदे, इन बीमारियों से तुरंत मिलेगी राहत
भुने हुए चने छिलके सहित खाने से होते हैं गजब के फायदे, इन बीमारियों से तुरंत मिलेगी राहत
Embed widget