Spread Greenery through Terrace Garden: खेती-किसानी में बढ़ते रसायनों के इस्तेमाल के कारण अब घर-घर में बागवानी करने का प्रचलन बढ़ गया है. घर पर बागवानी करने से कम ही समय में शुद्ध सब्जियां भी मिल जाती हैं. और बागवानी का शौक भी पूरा हो जाता है. लेकिन गर्मी के मौसम में छत पर सब्जियों के पौधे सूखने लगते हैं. धूप के तेज तपिश और लू के चलते पौधों की नमी भी खो जाती है, जिसे बनाये रखना बेहद जरूरी है. इसलिये आपको जानकारी दे रहे हैं उन खास टिप्स के बारे में, जिन्हें अपनाकर आप तपती धूप में बिना किसी टेंशन के अपनी छोटी से बगिया का ख्याल रख पायेंगे और पौष्टिक सब्जियां भी ले पायेंगे.


कीड़े-मकोड़ों से बचाव
कभी-कभी हम ध्यान नहीं देते और पौधों में कीड़ेृ-मकोड़े पनपते रहते हैं. ये जड़ें से लेकर तनों तक चिपक जाते हैं और पौधे को बढ़ने से रोकते हैं. इसके गमलों में समय-समय पर खुरपी से मिट्टी उलट-पलट करते रहें. जिससे ये कीड़े बाहर निकल जायें. इसके अलावा अंडे के छिड़कों का चूरा बनाकर भी गमलों में डाल सकते हैं. इससे रेंगने वाले कीड़ों का प्रकोप खत्म हो जायेगा.


ग्रोथ के लिये कटाई-छंटाई
बेशक आप गमलों में सब्जियां उगा रहे हैं, लेकिन अच्छी सब्जियां सिर्फ अच्छी देखभाल से ही मिल पायेंगी. इसलिये समय-समय पौधों और पत्तियों की काट-छांट करते रहें और गले हुये हिस्सों को काटकर फेंक दें. इसके अलावा पीले और सूखे पत्तों को भी पौधों से अलग कर दें, ये पौधों की ग्रोथ को रोकते हैं. इन पत्तों का इस्तेमाल खाद बनाने में करें.


दवा का छिड़काव
अपने गमलों से चीटियों और मच्छरों को दूर रखने के लिये पौधों और उसकी जड़ों में नीम की दवा का छिड़काव करें. ये नीम की दवा घर ही बना सकते हैं. इसके लिये नीम की पत्तियों को उबालकर पानी को ठंडा करें और इसे समय-समय पर गमलों में डाल दें. इससे गमले में कीड़े नहीं लगेंगे और पौधों में बीमारी भी नहीं पनपेगी. आप चाहें तो दालचीनी का पाउडर भी गमलों में छिड़क सकते हैं. इसकी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल प्रॉपर्टीज से नये पौधे कीड़े और बीमारियों से बचे रहेंगे और छत की बगिया महकने लगेगी.


पौधों को पोषण
खेतों में फसल को पोषण देने के लिये उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है. लेकिन घर की बगिया को पोषण देने के लिये उर्वरकों की जरूरत नहीं होती. आप चाहें तो रसोई से निकले अपशिष्ट से ही काम चल जायेगा. इसके लिये उबली हुई सब्जियों का पानी और उबले अंडे का पानी ठंडा करके पौधों की जड़ों में डाल सकते हैं. बता दें कि सब्जी और अंडे के पानी में कई पोषक तत्व होते हैं. इसलिये अबसे ये पानी नाली में न बहाये, बल्कि सब्जियां उगाने में इस्तेमाल करें.


ग्रीन नेट या शेड़ लगायें
गर्मियों के समय छत की बगिया को खुला छोड़ने से पौधे झुल सकते हैं और उन्हें नुकसान हो सकता है. धूप से पौधों को बचाने के लिये छत ग्रीन नेट या शेड़ लगवायें, इससे जरूरत के अनुसार ही पौधों को धूप लगेगी और पौधे झुलसने से बचे रहेंगे. इसके अलावा पौधों में समय-समय पर पानी में लगाते रहें, इससे बगिया की नमी बरकरार रहेगी. 


 


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