Pomegranate Farming: तो क्या पैसा छापने की मशीन हैं अनार के बाग, एक बार बुवाई और हर साल 10 लाख तक की कमाई
One Time Investment Farming: अनार के बागों से अच्छी उपज लेने के लिये जरूरी है कि अनाज की अच्छी और उन्नत किस्मों से ही नर्सरी तैयार की जाये.
Pomegranate Orchards: भारत के किसान हर साल अच्छी और स्थायी आमदनी हासिल करने के लिये फलों के बाग लगा रहे हैं. फलों की बागवानी में किसान इसलिये दिलचस्पी ले रहे हैं, क्योंकि ये वन टाइम फॉर्मुला है. इसमें कुछ फल के बाग एक बार तैयार होने पर कई सालों तक किसानों को फायदा पहुंचाते हैं. इन्हीं फलों में शामिल है अनार जिसकी बागवानी करके किसान महज सालभर में लखपति बन सकते हैं. लेकिन उसके लिये जरूरी है बाग लगाने की सही जानकारी. तो आइये जानते हैं अनार की बागवानी के बारे में कुछ खास बातें-
अनाज की बागवानी
अनार की बागवानी के लिये भारत में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की मिट्टी सर्वश्रेष्ठ बताई जाती है, लेकिन महाराष्ट्र में इसकी बागवानी बड़े पैमाने पर की जा रही है. ये फल सिर्फ इंसानों में खून के साथ किसानों का पैसा भी डबल कर देता है. महज एक बार अनार के बाग लगाने पर ये किसानों को अगले 30 साल तक मोटी कमाई करके देते हैं. सिर्फ सालभर में ही अनार के बागों से 8-10 लाख की कमाई हो जाती है. लेकिन अनार के बागों से अच्छी उपज लेने के लिये जरूरी है कि अनाज की अच्छी और उन्नत किस्मों से ही नर्सरी तैयार की जाये. अनाज की उन्नत किस्मों में सुपर भगवा, ज्योति, मृदुला, अरक्ता और कंधारी शामिल हैं.
बागों की तैयारी
- अनार के बाग तैयार करने के लिये खेत में गहरी जुताई काम करें और धूप की तेज तपिश बाग में पड़ने दें
- बाग में 60 सेमी. की समान लंबाई, चौड़ाई और गहराई वाले गड्ढे खोदें और इनमें सौरीकरण होने दें.
- हर गड्ढे में 25 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद, सुपर फास्फेट 250 ग्राम, क्यूनाल्फोस 1.5 फीसदी 50 ग्राम, नीम की खली 2 किलोग्राम को मिट्टी के साथ भर दें.
- गड्ढे भरने के बाद हल्की सिंचाई करें और अनार के पौधों की रोपाई कर लें.
सिंचाई व्यवस्था
अनार के बागों में अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती, क्योंकि प्री मानसून और बारिश के मौसम में बागों को सही पोषण मिल जाता है. लेकिन कम बारिश होने पर 10-12 दिन के अंतराल पर सिंचाई का काम कर लेना चाहिये. अनार के बागों के लिये टपक सिंचाई विधि सबसे बेहतर मानी जाती है. विशेषज्ञों की मानें को टपक सिंचाई विधि से 45% तक पानी की बचत और 40% तक उपज में बढ़ोत्तरी देखी गई है.
लागत और आमदनी
अनार के बाग को One Time Investment तकनीक माना जाता है, जिसके तहत बाग को लगाने में एक बार तो खर्च होता ही है. जिसके 3 साल बाद पेड़ पर फल लगने शुरु हो जाते हैं. अनार के एक ही पेड़ से करीब 60-80 फलों की खेप पहली उपज से मिल जाती है. वहीं जैविक खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल करने से हर साल लागत में 20% तक पैसा बचा सकते हैं. जैविक विधि से अनार के बाग लगाने पर कीटनाशक का खर्च भी बच जाता है. यही कारण है कि अनार बागों को खेती में पैसा छापने की मशीन भी कहते हैं.
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