Thar Vaibhav Lemon Farming: भारत में बागवानी फसलों (Horticulture) का रकबा बढ़ता जा रहा है. अब किसान तो फल-सब्जियों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रही रहे हैं. साथ ही कृषि वैज्ञानिक भी किसानों की सुविधा के लिये बागवानी की नई किस्में इजाद कर रहे हैं. ये ऐसी किस्में है, जो कम लागत में अच्छी पैदावार देती है. साथ ही जलवायु परिवर्तन और उसके दुष्परिणामों के लिये सहनशील होती है. हाल ही में नींबू की व्यावसायिक खेती (Commercial farming of Lemon) के लिये भी वैज्ञानिकों ने कई किस्म थार वैभव लाइम (Thar Vaibhav Acid Lime) ईजाद की है, जो पौधा लगाने के तीन साल के बाद 60 किलो तक पीले नींबूओं का उत्पादन (Lemon Production)  देगी. यह किस्म गुजरात के गोधरा में स्थित आईसीएआर-सीआईएएच वेजलपुर (ICAR_CIAH, Vejalpur) के वैज्ञानिकों ने विकसित की है.


थार वैभव की खासियत 
जाहिर है कि नींबू को विटामिन-सी का अहम स्रोत मानते हैं. भारत में इसकी खेती और खपत दोनों ही बड़े पैमाने पर की जाती है. अब नीबूओं से अच्छा मुनाफा कमाने के लिये किसान भी इसकी तरह-तरह की किस्में उगा रहे हैं. इसी बीच थार वैभन एसिड लाइम भी किसानों के लिये फायदे का सौदा साबित होगी. 



  • बता दें कि थार वैभव लाइन के पौधों की रोपाई करने के तीन साल फलत मिलने लगती है और 6 बाद एक ही पौधा 60.15 किलो तक फलों की उपज दे सकता है. 

  • गोल बनावट और पीले रंग वाले थार वैभव एसिड लाइन के फल भी काफी आकर्षक होते हैं. इस किस्म के फलों में करीब 49 प्रतिशत तक रस और 6.84% एसिड मौजूद होता है. 

  • सबसे अच्छी बात यह है कि इस किस्म के नींबू आकार में बड़े होते हैं, जिनमें बाकी किस्मों के मुकाबले कम ही बीज होते हैं.

  • नींबू की थार वैभव किस्म के पौधों की हर डाली पर 3 से 9 फलों का उत्पादन मिलता है, जिसके चलते पैदावार के मामले में ये किस्म बेहद खास है.






कब करें खेती
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, फलदार पौधों की रोपाई के लिये मानसून का समय ही अच्छा रहता है. इस समय मिट्टी के पोषक तत्व और वातावरण की नमी मिलकर पौधों के विकास में मदद करते हैं. गर्मियों के दिनों में फलत के बाद 125 से 135 दिन के अंदर थार वैभव एसिड लाइम (Thar Vaibhav Acid Lime) के फल पककर तैयार हो जाते हैं. वहीं मानसून और सर्दियों में फल पकने में 145 से 150 दिनों का समय लग जाता है. इस तरह नींबू की उन्नत किस्मों में थार वैभव एसिड लाइन कम लागत में बेहतर क्वालिटी के फलों का उत्पादन दे सकता है. 
 
नींबू की व्यवसायिक खेती
भारत से बढ़ते विदेशी निर्यात (Agriculture Export) के चलते नींबू की डिमांड में भी काफी इजाफा हुआ है. देश में सालभर इस सहाबहार फल की डिमांड बनी रही है. यहां आंध्र प्रदेश , महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, बिहार के साथ ही कई राज्यों के किसान नींबू की खेती (Lemon farming) के जरिये अच्छी आमदनी ले रहे हैं. भारत में नींबू की देसी किस्मों में प्रामलिनी, विक्रम, चक्रधर, पीकेएम 1, चयन 49, सीडलेस लाइम, ताहिती स्वीट लाइम : मिथाचिक्रा, मिथोत्र लिंबा: यूरेका, लिस्बन, विलाफ्रांका, लखनऊ बीडलेस, असम लीमन, नेपाली राउंड, लेमन 1 मैंडरिन संतरे, नागपुर आदि की खेती (Acid Lime Cultivation) की जा रही है.




Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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