Crop Cultivation: इस बार मौसम ने किसानों पर जमकर कहर बरपाया है. पहले सूखा ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार उत्तराखंड समेत अन्य स्टेट में सूखे की स्थिति रही. उसके बाद कई राज्यों में बाढ़ ने कहर बनकर आई.


रही सही कसर अंत में बारिश ने पूरी कर दी. किसानों को बारिश के कारण करोड़ों रुपये की फसलों का नुकसान हुआ है. खरीफ की पछेती और रबी की अगेती फसलों को बहुत नुकसान हुआ. लेकिन इस सबसे बड़ा नुकसान एग्रीकल्चर एक्सपर्ट फसल चक्र का बदलाव बता रहे हैं. 


ऐसे बदल रहा फसल चक्र


कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले कुछ समय से मौसम का मिजाज बदल रहा है. जहां 15 सितंबर तक मॉनसून को यहां से विदा हो जाना चाहिए था, वहीं इस बार यह 10 अक्टूबर भी क्रॉस कर गया. मौसम के बदलाव का बड़ा यह संकेत है. यही हालात रहे तो आने वाले समय में फसल चक्र भी बदल जाएगा. लोग फसलों की बुवाई मौसम के अनुसार ही किया करेंगे. अंदाजा लगा सकते हैं कि बारिश के कारण देश के कई जिलों में किसानों ने खरीफ फसलों की बहुत कम बुवाई की.


34 जिलों में कम हुई खरीफ फसल की बुवाई


बारिश के कारण ही देश के 34 जिलों में खरीफ फसलों की बुवाई कम हो पाई है. इनमें बिहार के 10 जिले झारखंड के 20 और पश्चिम बंगाल के चार शामिल हैं. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है इन जिलों के एक चौथाई से अधिक खेतों में खरीफ फसलों की हवाई नहीं हुई थी यहां जल्द ही रबी फसलें बोना शुरू कर देंगे. झारखंड और बिहार में आलू के बाद चावल हो सकता है. पश्चिम बंगाल में भी यही हाल है.


बारिश से इन फसलों को हुआ था नुकसान


बारिश से प्रमुख रूप से सब्जी वर्गीय फसलों में गाजर, मूली, चुकंदर धनिया, सोया पालक, मेथी को काफी नुकसान हुआ है. इनकी बुवाई का समय चल रहा है. दूसरी तरफ सरसों की बुआई के लिए किसान अपने खेत तैयार कर रहे है. अधिक बरसात होने से बुआई भी प्रभावित हुई है. बरसात से धान, ज्वार, बाजरा, सफेद तिल को अधिक नुकसान हुआ है.कुछ किसानों ने आलू की अगेती किस्मों की बुआई कर दी. इस फसल को भी नुकसान पहुंचा है. किसानों ने राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की है.


ये भी पढ़ें : -


Stubble Purchasing: हरियाणा में पराली से किसानों की हो रही बंपर कमाई, दो साल में अकेले जिले के किसानों को मिल गए इतने करोड़


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.