Agriculture News: भारत कृषि प्रधान देश है, भारत की लगभग 58 प्रतिशत आबादी कृषि और इससे जुड़े हुए उद्योग पर निर्भर है. ज्यादातर लोग इस उद्योग को गांवों में करते हैं. लेकिन पशुपालन का बिजनेस शहरों में भी बड़े पैमाने पर होता है. लेकिन क्या शहरों में गाय भैंस पालना कानूनी तौर पर सही है? आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कौन लोग शहरों में गाय भैंस पाल सकते हैं.
ये हैं लाइसेंस के लिए नियम
पहले शहरों में गाय भैंस पालने पर पाबंदी नहीं थी, लेकिन 2017 में सरकार ने इसे लेकर कुछ नियम बनाएं जिसके बाद सरकार इनमें बदलाव करती आ रही है. शहरों में गाय के लिए 500 और भैंस के लिए 1000 रुपये लाइसेंस बनवाने के लिए देने होंगे. जिन लोगों के पास दो या दो से कम जानवर हैं, और अपनी भूमि पर पालन पोषण कर रहे हैं तो उनको डेयरी की श्रेणी में नहीं रखा गया है. नियमों के अनुसार दो या दो से अधिक गाय और भैंस रखने के लिए सालाना लाइसेंस लेना होगा जिसकी अवधि एक अप्रैल से वित्तीय वर्ष तक के लिए होगी. इसके लिए नगर निगम और नगर आयुक्त से परमिशन लेनी होगी.
सार्वजनिक जगह पर छोड़ने पर देना होगा जुर्माना
पशुपालकों को सार्वजनिक स्थलों जैसे गली, सड़क, पार्क, मोहल्लों में खुला छोड़ने पर पशुपालकों को जुर्माना देना होगा. इसके अलावा शहरों के कलेक्टर ने स्मार्ट सिटी के तहत कैटल फ्री सिटी को ध्यान में रखते हुए शहरों में डेयरी संचालन पर भी रोक लगा दी है.
लाइसेंस के लिए क्या है जरूरी
लाइसेंस लेने के लिए पशुपालकों को स्वस्थ और स्वच्छ स्थान पर पशुओं को रखना होगा. निरीक्षण के बाद ही पशुपालकों को लाइसेंस जारी किया जाएगा. हर पशु के लिए आठ वर्ग मीटर का हवादार स्थल, ठंड, धूप, बारिश से बचाव के लिए खाने पीने का उचित इंतजाम जरूरी होगा. गोबर के साथ साथ कचरा, पशुशाला से कम से कम सात मीटर दूर रखना होगा. इसके साथ साथ पशुओं और डेयरी का स्थान भी का फर्श भी पक्का होना चाहिए.
50 हजार रुपये तक देना होगा जुर्माना
इसके अलावा पशुपालक और डेयरी संचालक अगर अप्रैल माह तक लाइसेंस नहीं लेता है तो पहले महीने के लिए 100 रुपये और बाकी के महीनों के लिए 50 रुपये विलंब शुल्क देना होगा. बिना लाइसेंस के शहरों में पशुपालन करने पर एक हजार रुपये और दूसरी बार में दो हजार रुपये जुर्माना देना होगा. अवैध डेयरी संचालन पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना देना होगा.
एक ही गाय पाल सकेंगे, नया नियम लागू
अधिकारियों ने कहा कि बिना लाइसेंस एक घर में एक से अधिक गाय और एक बछड़ा रखने की अनुमति नहीं होगी. मवेशियों के लिए एक अलग निर्दिष्ट क्षेत्र होना चाहिए. नए मानदंड नगर निगमों और परिषदों के तहत सभी क्षेत्रों में लागू किए जाएंगे. नए मानदंडों के तहत लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदक को प्रस्तावित स्थान का विवरण प्रस्तुत करना होगा. स्वच्छता सुनिश्चित करना होगा और रखने में कोई गड़बड़ी नहीं होगी. 1,000 वार्षिक लाइसेंस शुल्क के रूप में लिया जाएगा. जनहित में काम करने वाले शैक्षणिक, धार्मिक और अन्य संस्थानों को आधी राशि देनी होगी.
गाय और बछड़े से अधिक मवेशियों की संख्या होने पर लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि जानवरों को मालिक के नाम और नंबर के साथ टैग करना होगा. सार्वजनिक स्थानों पर बिना परमिट मवेशियों के चारे की बिक्री की अनुमति नहीं होगी. अनधिकृत बिक्री पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. पशुपालन के लिए 170-200 वर्ग फुट का आच्छादित क्षेत्र और 200-250 वर्ग फुट का खुला क्षेत्र आवश्यक होगा.
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