Farming in December: दिसंबर महीने में बोई जाने वाली इन सब्जियों से होगी दमदार कमाई, कम खर्च में बंपर पैदावार
Vegetabe Farming in December: दिसंबर का महीना सब्जियों की खेती के लिए सबसे अनुकूल रहता है. मिट्टी में नमी और सर्द वातावरण के बीच मूली, पालक, टमाटर, बैंगन, गोभी को अच्छा प्रोडक्शन ले सकते हैं.
Top Winter Vegetables: वैसे तो कृषि तकनीकों को आज ऑफ सीजन में भी खेती करना आसान हो गया है, लेकिन प्राकृतिक वातावरण उगने वाली सब्जियों की बात ही कुछ और होती है. इन दिनों हवा में सर्दी बढ़ती जा रही है. ये समय लगभग हर तरह की सब्जी को उगाने के लिए अनुकूल रहता है. अगर किसान कुछ खास बातों का ध्यान रखकर सीजनल सब्जियों की खेती करें तो अच्छी उत्पादकता के साथ-साथ उत्पादन भी हासिल कर सकते हैं, इसलिए आज हम आपको दिसंबर के महीने में बोई जाने वाली सब्जियों की जानकारी देंगे जो आपके मुनाफे को कई गुना बढ़ा देंगी. इन सब्जियों की सबसे खास बात ये है कि अगले 3 से 4 महीने डिमांड में रहती हैं. कम लागत में उगने के बावजूद अच्छा उत्पादन मिल जाता है और मंडियों में भी हाथोंहाथ बिक जाती हैं.
गाजर-मूली की खेती
गाजर-मूली की बुवाई अक्टूबर से लेकर दिसंबर के महीने तक चलती है. ये दोनों ही फसलें सर्द जलवायु में बढ़ती हैं. अच्छी क्वालिटी की पैदावार के लिए जीवांशयुक्त दोमट या बलुई मिट्टी में बुवाई करें. मूली की उन्नत किस्मों में जापानी सफेद, पूसा देशी, पूसा चेतकी, अर्का निशांत, जौनपुरी, बॉम्बे रेड, पूसा रेशमी, पंजाब अगेती, पंजाब सफेद, आई.एच. आर1-1 एवं कल्याणपुर सफेद शामिल हैं. वहीं गाजर की चैंटनी, नैनटिस, चयन नं- 223, पूसा रुधिर, पूसा मेघाली, पूसा जमदग्नि, पूसा केसर, हिसार रसीली और गाजर 29 भी सबसे उत्तम रहती हैं.
पत्तेदार सब्जियों की खेती
फरवरी-मार्च तक बाजार में पालक, मेथी, धनिया और सरसों की मांग रहती है. इन सब्जियों को सर्दियों के मौसम में ही उगाया जाता है. पालक की पंजाब ग्रीन और पंजाब सलेक्शन सबसे उन्नत किस्में हैं, जो अधिक पैदावार देती हैं. इनके अलावा, पूजा ज्योति, पूसा पालक, पूसा हरित, पूसा भारती भी कम लागत में क्वालिटी उत्पादन दे जाती हैं.
- मेथी की हिसार मुक्ता, मृदूरोमिल, लाम सिलेक्शन, पूसा अर्ली बंचिंग, यूएम 112, कश्मीरी, हिसार सुवर्णा से बुवाई कर सकते हैं.
- सरसों साग की पूसा विजय, पूसा सरसों-29, पूसा सरसों-30, पूसा सरसों-31 किस्मों से अच्छे पत्तों का उत्पादन मिलता है.
- धनिया की हिसार सुगंध, पंत हरितमा, कुंभराज, आरसीआर 41,आरसीआर 435, आरसीआर 436, आरसीआर 446, आरसीआर 480, आरसीआर 684, आरसीआर 728, सिम्पोएस 33, जेडी-1, एसीआर 1, सीएस 6, जीसी 2 (गुजरात धनिया 2) भी उन्नत किस्में हैं.
बैंगन की खेती
बैंगन की खेती के लिए सर्द वातावरण ही सबसे उत्तम रहता है. इसकी पूसा पर्पल राउंड, पूसा हाइब्रिड-6, पूसा अनमोल और पूसा पर्पल लोंग किस्मों की बुवाई करके अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. इन किस्मों से बुवाई के लिए 450 से 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर बीजों से बुवाई की जाती है, जिसके बाद खेतों से 400 कुंटल तक प्रति हेक्टेयर तक का उत्पादन ले सकते हैं.
गोभी की खेती
सर्दियों में गोभी वर्गीय सब्जियां जैसे- फूलगोभी, पत्तागोभी और ब्रोकली की खेती करना ज्यादा आसान होता है. इन दिनों मिट्टी में नमी और वातावरण में सर्दी होती है, जो नेचुरल प्रोडक्शन लेने में मदद करती है. बता दें कि गोभी वर्गीय सब्जियों की खेती के लिए जल निकासी वाली हल्की मिट्टी सबसे अच्छी रहती है. चाहें तो ग्रीन हाउस में भी गोभी वर्गीय सब्जियों की खेती कर सकते हैं. गोभी की उन्नत किस्मों में गोल्डन एकर, पूसा मुक्त, पूसा ड्रमहेड, के-वी, प्राइड ऑफ इंडिया, कोपन हगें, गंगा, पूसा सिंथेटिक, श्रीगणेश गोल, हरियाणा, कावेरी, बजरंग शामिल हैं, जो 75-80 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन देती हैं.
टमाटर की खेती
भारत क्या, विदेशों में भी टमाटर की खूब खपत रहती है. इस सदाबहार सब्जी की खेती वैसे तो सालभर की जाती है, लेकिन सर्द वातावरण में टमाटर का अच्छा प्रोडक्शन ले सकते हैं. इन दिनों टमाटर की अर्का विकास, सर्वोदय, सिलेक्शन -4, 5-18 स्मिथ, समय किंग, टमाटर 108, अंकुश, विकरंक, विपुलन, विशाल, अदिति, अजय, अमर, करीना, अजित, जयश्री, रीटा, बी.एस.एस. 103, 39 आसे बुवाई करके बिना नुकसान बंपर हार्वेस्टिंग ले सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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