Litchi Production In Bihar: रबी सीजन में हाल में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को परेशान किया है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में लाखों बीघा फसल प्रभावित हुई है. लेकिन ऐसा नहीं है कि मौसम की मार केवल कुछ फसलों पर पड़ रही है. अब देश के एक राज्य में किसानों की कमाई का महत्वपूर्ण जरिया बने फल पर ही खतरा मंडराने लगा है. बिहार में लीची का उत्पादन प्रभावित होता नजर आ रहा है. बिहार में कृषि विशेषज्ञों ने लीची उत्पादन प्रभावित होने पर चिंता जताई है. उत्पादन प्रभावित होने की भरपाई किस तरह की होगी. इसको लेकर किसान भी परेशान हैं. 


बिहार में हीट वेव से लीची का उत्पादन प्रभावित  


बिहार के मुजफ्फरपुर में लीची का उत्पादन बहुत अधिक किया जाता है. इस जिले में काफी संख्या में किसान लीची पर ही निर्भर हैं. वहीं, किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जिस तरह से हीटवेव ने लीची का उत्पादन प्रभावित किया है. उससे उनकी लागत भी निकल पाएगी या नहीं? विशेषज्ञों ने उत्पादन प्रभावित होने का अनुमान जताया है. 


40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तापमान


मुजफ्फरपुर के किसानों का कहना है कि अभी अप्रैल चल रहा है. बिहार के कई जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. पिछले कुछ दिनों में मुजफ्फरपुर में तापमान बहुत तेजी से बढ़ा है. इतना अधिक तापमान लीची की सेहत के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. 


ये प्रजातियां होंगी प्रभावित


किसानों ने बताया कि लीची की अलग अलग प्रजातियां तेज धूप से प्रभावित होंगी. लीची की शाही प्रजाति की उपज में 20 प्रतिशत तक कमी हो सकती है. वहीं, चाइना लीची का उत्पादन 70 से 80 फीसदी तक कम होने की संभावना है. हालांकि कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी से लीची उत्पादन कितना प्रभावित होगा? इसके बारे में अभी सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है. यदि उपज कम होती है तो बाजार में खपत पर फर्क पड़ सकता है. 


भारत में 97 हजार हेक्टेयर में हो रही लीची की खेती


भारत सरकार के कृषि और सहकारिता विभाग के वर्ष 2020-2021 के आंकड़े के मुताबिक, भारत में 97.91 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती हो रही है. इतनी खेती में करीब 720.12 हजार मैट्रिक टन पैदावार होती है. वहीं, बिहार में लीची की खेती 36.67 हजार हेक्टेयर में होती है, जिससे जिससे 308.06 हजार मैट्रिक टन लीची पैदा होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि लीची के लिए अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. तापमान अधिक होने पर लीची के फल पर बहुत अधिक निगेटिव प्रभाव पड़ता है. 



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