Millets Awareness: संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के प्रस्ताव पर साल 2023 को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के तौर पर मनाने जा रही है. पोषक अनाज-मोटे अनाजों के प्रति जागरुकता बढ़ाना ही इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है. अब इस कार्यक्रम से आम जनता को जोड़ने के लिए सरकार ने तरह-तरह प्रतियोगताएं आयोजित की है, जिनमें मिलिट्स की रेसिपी बनाकर शेयर करनी होगी, लोगो डिजाइन करना होगा या पोषक अनाजों के लिए टैग लाइन लिखनी होगी. इन प्रतियोगिताओं में जीतने वाले विजेता के लिए सरकार ने 50,000 रुपये तक के नकद पुरस्कार की घोषणा की है.
जल्द अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के आधार पर भारतीय खाद्य प्रसंस्करण भी एक मेगा फूड इवेंट का आयोजित करने जा रहा है. अच्छी बात यह है कि किसान से लेकर आम जनता भी इन कार्यक्रमों में भाग ले सकती है और नकद पुरस्कार अपने नाम करवा सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए https://www.mygov.in/home/do/ पर विजिट कर सकते हैं.
पोषक अनाजों से स्वादिष्ट व्यंजन बनाने की प्रतियोगिता
करीब 131 देशों में पोषक अनाजों की खेती की जाती है.ये एशिया और अफ्रीकियों के साथ करीब 59 करोड़ लोगों की थाली का अहम हिस्सा है. सरकार ने इसी मोटे अनाजों से स्वादिष्ट व्यंजन बनाने की एक प्रतियोगिता रखी है. इस प्रतियोगिता में एक थीम दी जाएगी, जिसके आधार पर रेसिपी बनानी होगी. अब इस रेसिपी का 5 से 10 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड 25 दिसंबर तक mygov.in पर अपलोड करना होगा. वीडिया ऐसा होना चाहिए कि टीवी, सोशल मीडिया, रेडियो, सम्मेलन और मेलों में भी दिखाया जा सके.अगर आप जीत जाते हैं तो अपनी वीडीयो डीवीडी, पेन ड्राइन या ई-मेल के जरिए देनी होगी.
लोगो डिजाइन प्रतियोगिता
हर एक इंसान में एक कलाकार छिपा है, वो कब निखरकर आएगा, ये आपको सुनिश्चित करना है. खैर, अब सरकार भी आपको कलाकारी दिखाने का मौका दे रही है. दरसअल मिलिट्स के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए लोगो डिजाइन और टैग लाइन लिखने का कम्पटीशन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भाग लेकर थीम के हिसाब से LOGO डिजाइन या Tag Line लिख सकते हैं.
इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भी 20 दिसंबर 2022 से पहले mygov.in की साइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगाा. यहां प्रतिभागी को अपना नाम, फोटो, पूरा डाक पता, ई-मेल आईडी और फोन नंबर भी दर्ज करवाना होगा. सबसे सुंदर लोगो बनाने वाले या टैग लाइन लिखने वाले प्रतिभागी को पूरे 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा.
क्यों मनाएं पोषक अनाज वर्ष
आज हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी ने खान-पान को बुरी तरह से प्रभावित किया है. हम खाना तो खाते हैं, लेकिन वो सेहत के लिए अच्छा है या बुरा ये नहीं सोचते. कभी मोटे अनाज हमारी थाली में गेहूं-चावल की तरह शामिल थे, लेकिन जागरुकता की कमी के चलते अब सिर्फ गेहूं, चावल और मैदा तक ही खान-पान सीमित हो गया है. अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष खोए हुए मोटे अनाजों को वापस हमारी थाली से जोड़ने का एक प्रयास है, जिसमें 72 देश भी शामिल है.
पोषक तत्वों से भरपूर मोटे अनाज हमारी सेहत के लिए वरदान और किसानों के लिए कम खर्च में अच्छा पैसा कमाने का जरिया हैं. ये किसानों को भी जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से लड़ने में मदद करते हैं. इनकी खेती करके विपरीत परिस्थितियों में भी कम खादी-पानी में ही बंपर उत्पादन ले सकते हैं. इतनी खूबियों के चलते ही पूरी दुनिया अब पोषक अनाजों के जागरुकता अभियान से जुड़ गई है, जिसके तहत अब साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के तौर पर मनाया जाएगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: मूंग-मसूर की बुवाई के लिए गन्ना किसानों को मिल रही 50% सब्सिडी, प्रति एकड़ 1,000 रुपये देगी सरकार