Lychee Production In Punjab: बारिश और ओलावृष्टि किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचा रही है. मार्च में हुई बारिश से गेहूं, सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था. अब पंजाब में किसानों पर बारिश कहर बनकर टूटी है. यहां किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. पंजाब में लीची को बहुत अधिक नुकसान हुआ है. बारिश के कारण लीची की पैदावार पर संकट जताया जा रहा है. उधर, पंजाब सरकार भी लीची में हुए नुकसान को लेकर राज्य सरकार पर नजर बनाए हुए है. 


पंजाब के पठानकोट में नुकसान 


पंजाब के पठानकोट में किसानों को खासा नुकसान पहुंचा है. स्थानीय किसानों का कहना है कि पठानकोट में बड़े पैमाने पर लीची की खेती की गई थी. किसानों को उम्मीद थी कि इस बार अच्छी पैदावार से उनकी कमाई बेहतर हो जाएगी. लेकिन बेमौसम बारिश के कारण किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है. 


मुख्यमंत्री से की मुआवजे की मांग


लीची में हुए नुकसान को लेकर किसान मुख्यमंत्री से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि मोटी लागत लगाकर लीची की खेती की गई थी. लेकिन बारिश ने लीची की फसल ही बर्बाद कर दी है.  


पंजाब में सड़कों पर फेंकी शिमला मिर्च


पंजाब में सड़कोें पर शिमला मिर्च फेंकने की भी खबर सामने आ चुकी है. यहां उत्पादन अधिक होने के कारण मंडी में कारोबारी बेहद सस्ते दामों पर शिमला मिर्च खरीद रहे हैं. व्यापारियों ने किसानों की शिमला मिर्च की कीमत 1 से 2 रुपये किलो ही लगाई. मंडी में शिमला मिर्च के ये भाव सुनकर गुस्सा गए. मनसा में किसानों ने सड़कों पर ही शिमला मिर्च फेंक दी. 


मंडी में रखा गेहूं भी भीगा


किसानों की समस्या केवल खेतों तक ही खत्म नहीं हो रही है. मंडी में पहुंचा गेहूं भी भीग रहा है. एजेंसियों ने गेहूं खरीद का मानक 18 प्रतिशत भीगने तक रख दिया था. मगर मंडी में गेहूं भीगने के बाद यह 18 प्रतिशत से अधिक होने का खतरा पैदा हो गया है. एफसीआई ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के लिए गेहूं खरीद की शर्ताें में ढील दी है. 16 से 18 प्रतिशत गेहूं के दाने खराब पाए जानें पर 31.87 रुपये प्रति क्विंटल की दर से डैच् में कटौती होगी.


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