Madhu Kranti Portal for Honey Farming: आज भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने-संवारने में मधुमक्खियां (Honey Bee Farming) भी अहम रोल अदा कर रही है. आज लाखों किसान खेती-किसानी के साथ-साथ मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) करके शहद और इसके उत्पादों का कारोबार (Honey Business) कर रहे हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो भारत के ग्रामीण इलाकों से सालाना 1 लाख 20 टन शहद का उत्पादन (Honey Production in India) मिल रहा है, जिसमें आधे से ज्यादा शहद पूरी दुनिया में निर्यात (Honey Export) किया जा रहा है.
देश में तो शहद की 50 फीसदी खपत है ही, साथ ही विदेशों में भी भारत के शहद की डिमांड (Demand of Indian Honey) पर तेजी से बढ़ती जा रही है. ये मधुमक्खी पालकों (Honey Farmers) के लिये बड़े मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है. पहले किसानों को शहद के बाजार की जानकारी नहीं रहती, लेकिन अब हजारों शहद उत्पादक और मधुमक्खी पालक किसान 'मधुक्रांति पोर्टल' (Madhu Kranti Portal) से जुड़कर अपने उत्पादों का ऑनलाइन बिजनेस कर रहे हैं.
शहद की ऑनलाइन मार्केटिंग
मधुक्रांति पोर्टल को राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, कृषि मंत्रालय और राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन के संयुक्त सहयोग से विकसित और लॉन्च किया गया है. इस पोर्टल पर शहद के किसान, मधुमक्खी पालक, किसान, किसान उत्पादक संगठन, शहद कारोबारी, शहद प्रसंस्करण यूनिट या शहद कंपनियों को भी जोड़ा गया है. ये सभी हितधारक मिलकर शहद और उससे बने उत्पादों की ऑनलाइन खरीद-बिक्री करते हैं.
इस प्लेटफॉर्म पर मधुमक्खी पालकों को उनके शहद उत्पादों के काफी अच्छे दाम मिल जाते हैं. इसके अच्छी गुणवत्ता का शहद उत्पादन करना होता है. बता दें कि इस पोर्टल पर शहद की गुणवत्ता जांचने की सुविधा भी प्रदान की जाती है. इतना ही नहीं, नये किसान और मधुमक्खी पालक चाहें तो इस पोर्टल से जुड़कर मधुमक्खी पालन या शहद की खेती करने के लिये सब्सिडी का फायदा भी उठा सकते हैं.
इस तरह करवायें पंजीकरण
मधुक्रांति पोर्टल एक स्वतंत्र प्लेटफॉर्म है, जिससे जुड़ना बेहद आसान है. इस पोर्टल से जोड़कर किसानों को लाभान्वित करने के लिये राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड लगातार रजिस्ट्रेशन के लिए एक मुहिम चला रहा है. किसान चाहें तो कुछ नियमों और शर्तों के आधार पर मधुक्रांति से जुड़कर घर बैठे शहद का बिजनेस कर सकते हैं. आवेदन के दौरान किसान का आधार कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, मधुमक्खी पालन से जुड़ा पूरा विवरण, प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र की सॉफ्ट कॉपी आदि दस्तावेज लगते हैं.
- इससे जुड़ने के लिये किसान के पास मधुमक्खी की कम से कम 10 चालू कॉलोनी होनी चाहिए.
- मधुक्रांति पोर्टल पर किसानों को पांच साल तक शहद का बिजनेस करने की वैलिडिटी दी जाती है.
- किसान चाहें तो मधुक्रांति पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करके अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
- बता दें कि मधुक्रांति पोर्टल से जेुड़कर शहद का कारोबार करने के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की फीस भी देनी होगी.
मधुक्रांति पोर्टल पर सुविधायें
मधुक्रांति पोर्टल को किसानों के हित में कार्यरत भारत का पहला ऑनलाइन हनी मार्केट भी कह सकते हैं. यहां सिर्फ शहद की खरीद-बिक्री ही नहीं होती, बल्कि पंजीकृत किसानों को शहद की कॉलोनियों का प्रबंधन से जुड़ी जानकारियां, शहद की गुणवत्ता जांच जैसी तमाम सुविधायें भी प्रदान की जाती है. शहद के किसानों को बेहतरीन क्वालिटी का शहद उत्पादन करके ज्यादा लाभ मिलता है, क्योंकि साधारण शहद के मुकाबले बेहतर क्वालिटी और वैरायटी के शहद की डिमांड होती है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी ज्यादातर गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरने वाला शहद ही जल्दी बिकता है.
बरतें ये सावधानियां
मधुक्रांति पोर्टल से जुड़कर शहद का बिजनेस (Honey Business on Madhu Kranti Potal) करने वाले किसानों को कुछ बातों का खास ख्याल रखना होता है.
- यदि मधुमक्खियों में रोग या शहद की कॉलोनी पर कीटों का प्रकोप होने पर मधुमक्खी पालन बोर्ड को जानकारी देनी होगी.
- इस स्थिति में किसान जैविक विधियों से खुद इलाज कर सकते हैं, लेकिन रासायनिक नियंत्रण के लिये पेशेवर डॉक्टर या विशेषज्ञ से मशवरा करना होगा.
- इस पोर्टल पर पंजीकृत मधुमक्खी पालक या किसानों को वैज्ञानिक तरीकों से तैयार शहद (Honey Farming) की ही खरीद-बिक्री करनी होगी.
- यहां शहद की गुणवत्ता जांच (Honey Quality Check) भी की जाती है, जिसके कारण अधकचरे शहद को इस पोर्टल पर नहीं जोड़ सकते.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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