मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक और बड़ी सौगात दी है. दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने दुग्ध उत्पादकों को एक लीटर दूध पर 5 रुपये बोनस देने की घोषणा की है. इस कदम से न केवल प्रदेश के डेयरी उद्योग को मजबूती मिलेगी, बल्कि पशुपालकों की आमदनी में भी इजाफा होगा.


कौन होगा इस योजना का लाभार्थी?


मुख्यमंत्री डेयरी विकास योजना के तहत सरकार ने 50 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है, जिससे राज्यभर के दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे. खासतौर पर वे किसान जो संगठित डेयरी समितियों से जुड़े हैं, उन्हें इस योजना का सीधा फायदा मिलेगा. इस प्रोत्साहन राशि का उद्देश्य दूध उत्पादन और कलेक्शन में बढ़ोतरी करना है, जिससे राज्य में दुग्ध उत्पादकता में सुधार हो सके.


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मध्यप्रदेश बना डेयरी किसानों का नया हब


सरकार का मानना है कि इस कदम से प्रदेश के किसानों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिलेगी और दूध उत्पादन में तेजी आएगी. इससे प्रदेश के "सांची" ब्रांड सहित स्थानीय दुग्ध सहकारी समितियों को भी मजबूती मिलेगी.



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राज्य सरकार कृषि और पशुपालन को एक साथ आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है. गौशालाओं में रहने वाले गौवंश के लिए प्रति पशु आहार अनुदान को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया गया है, जिससे गौशालाओं में पशुपालन बेहतर हो सके.


यह योजना उन किसानों के लिए बेहतर अवसर साबित होगी, जो पारंपरिक खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं. इससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा और मध्यप्रदेश दूध उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा.



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