Rashtriya Krishi Vikas Yojana: अकसर मंडी में किसानों को उनकी उपज के सही दाम नहीं मिलते. कई किसान मजबूरी में आकर कम दाम पर ही सब्जियां बेच देते हैं, लेकिन कुछ किसान निराश होकर पूरी उपज को बर्बाद कर देते हैं. इन दिनों कई राज्यों से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, इसलिए सरकार ने फसल भंडार घर खोलने के लिए किसानों को सब्सिडी देने का फैसला किया है. ये योजना आलू और प्याज की फसल के भंडारण के लिए स्टोरेज हाउस चालू करने के लिए दी जा रही है. इसका लाभ लेने के लिए किसानों को नीचे दी गई प्रोसेस को फॉलो करना होगा. जानिए विस्तार से.
प्याज के भंडारण के लिए सब्सिडी
मध्य प्रदेश उद्यानिक विभाग ने राज्य के किसानों को प्याज भंडार गृह के निर्माण के लिए 1,75,000 रुपये का अनुदान देने का फैसला किया है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत 50 मीट्रिक टन क्षमता वाले प्याज के भंडार घर के लिए राज्य में 100 और नई यूनिट्स लगाने का लक्ष्य है. इसके लिए 10 जिलों के किसानों से आवेदन मांगे हैं. हर जिले में 100 इकाईयां बनाई जाएंगी, जिसमें 7 सामान्य वर्ग, 2 अनुसूचित जाति और 1 अनुसूचित जनजाति के लिए निर्धारित है.
इन किसानों को मिलेगा लाभ
मध्य प्रदेश उद्यानिकी विभाग की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, देवास, इंदौर, उज्जैन, रीवा, शाजापुर, सागर, धाप, खण्डवा, राजगढ़, सतना जिले के किसानों को अनुदान दिया जाएगा. प्याज के भंडार घर बनाने की कुल लागत 3 लाख 50 हजार रुपये निर्धारित की गई है, जिस पर 50 फीसदी सब्सिडी यानी 1 लाख 75 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
इन बातों का रखें खास ध्यान
वैसे तो 50 मीट्रिक टन के प्याज का भंडार घर खोलने के लिए राज्य का कोई भी किसान आवेदन कर सकता है, लेकिन इन 10 जिलों के अलग से लक्ष्य जारी किए गए हैं. इसके लिए किसानों की पात्रता इस हिसाब से निर्धारित की जाएगी.
- किसान की खुद की खेती योग्य जमीन हो.
- सामान्य वर्ग के किसान 2 हेक्टेयर और एससी-एसटी वर्ग के किसान 1.75 हेक्टयेर में प्याज की फसल का उत्पादन ले रहा हो.
- पहले कभी प्याज का भंडार घर ना खोला हो और ना ही ऐसी किसी योजना का लाभ लिया हो.
यहां करें आवेदन
प्याज का भंडार घर खोलने के लिए मध्य प्रदेश उद्यानिक एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, मध्य प्रदेश के पोर्टल https://mpfsts.mp.gov.in/mphd पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
- यहां आवेदन फॉर्म के साथ किसान का आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, खसरा नंबर या बी-1 की कॉपी, बैंक पासबुक की कॉपी, जाति प्रमाण पत्र आदि डोक्यूमेंट्स लगाने होंगे
- अधिक जानकारी के लिए मध्य प्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम या अपने नजदीकी जिले के कृषि विभाग के कार्यालय या विकासखंड विभाग में भी संपर्क कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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