Pashu Ambulance Seva: कुछ समय पहले तक भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था सिर्फ खेती किसानी पर आधारित थी, लेकिन अब धीरे-धीरे पशुपालन का चलन भी बढ़ता जा रहा है. किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए फसल उत्पादन के साथ-साथ गाय-भैंस पालन भी कर रहे हैं. बाजार में बढ़ती दूध की मांग के चलते यह काम फायदेमंद साबित हो रहा है. पशुपालन बिजनेस पूरी तरह पशुओं के स्वास्थ्य पर निर्भर है. अच्छा स्वस्थ पशु डेयरी बिजनेस का मुनाफा बढ़ाता है, जबकि एक कमजोर और बीमार पशु से किसानों की भी चिंताए बढ़ जाती है.


अच्छी सेहत के लिए पशुओं को हरा चारा और पशु आहार खिलाने की सलाह दी जाती हैं, लेकिन बदलते मौसम में कमजोर इम्यूनिटी के कारण पशुओं को कई बीमारियां जकड़ लेती हैं. इन दिनों लंगड़ा बुखार और फंगल रोगों का खतरा बढ़ रहा है. कई बार समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण पशु की मृत्यु भी हो जाती है.


ऐसी तमाम दिक्कतों को दूर करने के लिए कई राज्य सरकारें अब पशु एंबुलेंस सेवा की शुरुआत कर रही हैं. 1 अप्रैल से मध्य प्रदेश में पशुपालकों को यह सुविधा दी जा रही है. इमरजेंसी के वक्त एंबुलेंस बुलवाने के लिए एक खास टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है.


हर ब्लॉक स्तर पर चलेगी एंबुलेंस


मध्य प्रदेश के पशुपालकों को पशुओं की इमरजेंसी या इलाज में कोई दिक्कत ना आए. इसके लिए हर ब्लॉक स्तर पर 407 एंबुलेंस चलाने की प्लानिंग हैं. हर एक एंबुलेंस में गाय-भैंसों के इलाज के लिए टूल्स, दवाएं, डॉक्टर और कंपाउंडर मौजूद रहेंगे.


पशुपालकों को एंबुलेंस से संपर्क साधने में कोई परेशानी ना हो, इसलिए पशुपालन एवं डेयरी संचालनालय ने कॉल सेंटर स्थापित किया है, जिसके लिए एक विशेष टोलफ्री नंबर-1962 जारी किया गया है. इस कॉल सेंटर में 5 पशु चिकित्सक और 15 कॉल एक्जिक्युटिव अपॉइंट हुए हैं.


यहां कॉल करके एबुंलेंस टीम को घर बुलवाकर सुविधाजनक ढंग से पशु का इलाज करवा सकेंगे. अच्छी बात यह है कि एंबुलेंस की मॉनीटरिंग सीधा कॉल सेंटर से जीपीएस के माध्यम से की जाएगी.


हर महीने इतने खर्च करेगी


मध्य प्रदेश में चलाई जा रही पशु एंबुलेंस सेवा पर होने वाले खर्च के लिए एक ब्यौरा सरकार ने जारी कर दिया है. हर एक एंबुलेंस को दवाईयों के लिए 35,000 और डीजल के लिए 33,000 रुपये खर्च करने की सहूलियत दी जाएगी.


आज के दौर में पशुओं के साथ बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के बीच पशु एंबुलेंस की सेवा पशुपालकों के लिए राहत भरा निर्णय साबित होगी. इस एबुंलेंस सेवा के जरिए दुर्घटनाग्रस्त और ज्यादा बीमार पशुओं को तत्काल इलाज मुहैया करवाया जाएगा.


इन राज्यों ने भी चलाई पशु एंबुलेंस सेवा


पशु कल्याण के उद्देश्य से एंबुलेंस सेवा की शुरुआत करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य नहीं है. इससे पहले भी केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को भी 502 पशु एंबुलेंस दिए थे. इसके अलावा, उत्तराखंड और हरियाणा में पशु एंबुलेंस जैसे प्लान पर काम चल रहा है. आंध्र प्रदेश सरकार ने भी साल 2022 में 143 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 175 एंबुलेंस ट्राइल के तौर पर चलाई थीं.


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