MP Krishi: लगातार 7वीं बार जीता कृषि कर्मण अवॉर्ड, 'सोया स्टेट' मध्य प्रदेश ने फिर हासिल किया ये मुकाम
Krishi Karman Award: मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र की उपलब्धियां गिनवाई हैं, जिनमें ये भी बताया गया है कि राज्य में अब 16.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर जैविक खेती की जा रही है.
Agriculture in MP: भारत का कृषि क्षेत्र पहले से कहीं ज्यादा मजबूत बनकर उभरा है. खेती-किसानी में कई जोखिम कम हुए हैं. अब किसान भी नई तकनीकों, नए विचारों और योजनाओं की मदद से बेहतर उत्पादन ले रहे हैं. ये किसानों की मेहनत का नतीजा है कि देश आज घरेलू आपूर्ति के साथ-साथ दूसरे देशों को भी कृषि उत्पाद निर्यात कर रहा है. वैसे तो सभी राज्य आगे बढ़कर कृषि-किसानों को प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन इन दिनों कृषि क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए मध्य प्रदेश सुर्खियों में बना हुआ है. राज्य ने लगातार 7वीं बार कृषि कर्मण पुरस्कार अपने नाम करवाया है. दरअसल, मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर राज्य सरकार ने अपनी कृषि क्षेत्र की उपलब्धियां गिनवाई है, जिनमें ये भी बताया गया है कि राज्य में अब 16.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर जैविक खेती की जा रही है.
दलहन-तिलहन उत्पादन में फर्स्ट
देश को दलहन-तिलहन उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की कवायद की जा रही है. इस काम में मध्य प्रदेश के किसान जोरों-शोरों से काम कर रहे हैं. राज्य को सोयाबीन के रिकॉर्ड उत्पादन के लिए पहले से ही सोया स्टेट का दर्जा प्राप्त है. साथ ही, मध्य प्रदेश तिलहन, दलहन और सोयाबीन के उत्पादन के लिए भी पहले पायदन पर काबिज हुआ है. रिपोर्ट्स की मानें तो गेहूं, मक्का, मसूर और तिल उत्पादन के क्षेत्र में राज्य नंबर-1 पर है. राज्य में जैविक खेती का रकबा तो बढ़ा ही है, साथ ही बालाघाट के चिन्नौर धान को भी जीआई टैग मिल चुका है.
मध्यप्रदेश सरकार किसानों के साथ...
— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) November 1, 2022
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के 4 हजार रुपए मिलाकर किसानों को 10 हजार रुपए सालाना की मदद#मध्यप्रदेश_स्थापना_दिवस #मेरा_मध्यप्रदेश #JansamparkMP pic.twitter.com/2wAQh2vwYU
किसानों को मिला आर्थिक अनुदान
प्रधानमंत्री किसान सम्मानि निधि योजना ने छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है. मध्य प्रदेश में करीब 80 लाख किसान पीएम किसान योजना का लाभ ले रहे हैं. छोटे और सीमांत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिलते ही हैं, साथ ही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत राज्य सरकार भी अलग से सालाना 4,000 रुपये की आर्थिक मदद देती है. इस तरह राज्य में किसानों को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक मदद मिल रही है. इस धनराशि से खेती से जुड़े छोटे-मोटे खर्चे निपटाने में काफी मदद हो जाती है.
बढ़ा फसलों का उत्पादन
रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश में तीसरी फसल का रकबा भी जीरो से बढ़कर 12.47 साल हेक्टेयर पर पहुंच गया है. राज्य ने मार्केटिंग सीजन 2020-21 के दौरान गेहूं का सर्वाधिक उपार्जन किया. वहीं पिछले 2 सालों में मूंग का उपार्जन भी 9 लाख मीट्रिक टन से आगे निकल चुका है. मध्य प्रदेश ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में 3 हजार 270 करोड़ के प्रकरण स्वीकृत कर लिए हैं और पहले नंबर पर काबिज हुआ है.
पशुपालन और बागवानी क्षेत्र में विकास
मध्य प्रदेश के किसानों ने पशुपालन और बागवानी क्षेत्र ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है. राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा तो मिल रही रहा है, साथ में जैविक खेती का रकबा भी 16.37 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है, जो देश में सबसे अधिक है. राज्य में कृषि से जुड़े कार्यों के लिए आर्थिक संकट से ना जूझना पड़े, इसके लिए किसान, पशुपालक और मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड भी जारी किए जा रहे हैं. बागवानी फसलों का क्षेत्रफल भी बढ़कर 25 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है, जो साल 2003 तक 4.67 लाख हेक्टेयर तक ही सीमित था. इसके लिए राज्य में संतरा, धनिया, मसाले, औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को भी बढ़ावा मिल रहा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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