Animal Tagging: दुधारु पशुओं की यूआईडी टैगिंग में सबसे आगे मध्य प्रदेश, आखिर क्यों पशु के कान में लगाया जाता है ये पीले रंग का टैग
National Animal Disease Control Program:राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और यूआईडी टैगिंग में मध्य प्रदेश ने सराहनीय काम किया है. राज्य के करीब 292.91 लाख गाय-भैंसों को पंजीकृत किया जा चुका है.
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UID Tagging: खेती-किसानी के बाद पशुपालन भी अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बन गया है. कृषि के साथ-साथ किसान अब दुधारु पशुओं की मदद से अतिरिक्त आय ले रहे हैं. वहीं दूध की बढ़ती डिमांड को देख अब कई लोग डेयरी फार्मिंग की तरफ भी बढ़ रहे हैं. इन सभी ग्रामीण बिजनेस में चार चांद लगाने में दुधारु पशुओं का अहम रोल है, इसलिए पशुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी पशुपालकों की होती है.यदि पशु अच्छे वातावरण में रहेंगे, पर्यावरण के बीच खुली जगह पर रहेंगे तो ज्यादा बेहतर ढंग से दूध उत्पादन कर पाएंगे. पशुओं की सेहत और उनके कंफर्ट के लिए पशुपालकों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारें भी लगातार प्रयासरत हैं.
दुधारु पशुओं को रोगमुक्त रखने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP)चलाया है. कई राज्यों में तेजी से पशुओं की यूआईडी टैगिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है. ताजा रुझानों से सामने आया है कि चाहे तो पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम हो या फिर पशुओं के कान में पीला टैग लगाना, पशुपालन से जुड़ी सुविधाओं में मध्य प्रदेश का नाम सबसे आगे आ रहा है.
इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि पशुओं के कान में पीले रंग का टैग यानी यूआईडी टैगिंग क्यों की जाती है और मध्य प्रदेश ने राज्य में कितने पशुओं को ये टैग देकर लाभान्वित किया है.
क्या होती है यूआईडी टैगिंग
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम चलाया है, जिसके तहत पशुओं की यूआईडी टैगिंग करके उन्हें एक पहचान दी जाती है. इस प्रोसेस में पशुओं के कान में पीला टैग लगाया जाता है, जिस पर पशुओं का आधार नंबर लिखा होता है.
ये टैग सिर्फ पशु की पहचान के लिए नहीं, बल्कि पशु को कितने टीके लग चुके हैं, इसे जानने में भी मददगार है. ये पता लगाने के लिए पशुओं के कान में लगे पीले रंग के टैग पर एक आधार नंबर भी अंकित होता है. इसी के आधार पर पशुओं का टीकाकरण करके गंभीर रोगों से बचाने में मदद मिल रही है.
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में मध्यप्रदेश नंबर- 1
— Animal Husbandry Department, MP (@mp_husbandry) December 28, 2022
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यूआईडी टैग लगाने में मध्यप्रदेश है देश में सबसे अव्वल
#सुशासन_से_समृद्ध_मध्यप्रदेश #JansamparkMP pic.twitter.com/3eU7yQjVrZ
इतने लाख पशुओं की यूआईडी टैगिंग
मध्य प्रदेश पशुपालन विभाग के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर मौजूद जानकारी के अनुसार, राज्य में अभी तक 92.91 लाख गाय और भैसों की यूआईडी टैगिंग करके रजिस्टर किया जा चुका है. दूसरे राज्यों के मुकाबले के मुकाबले मध्य प्रदेश काफी आगे है.
यहां पशुपालकों के लिए अपने पशुओं को पहचान करना और समय पर टीकाकरण करवाना आसान हो गया है. सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बाकी राज्यों में भी साल 2025 तक पशुओं को रोगमुक्त बनाने का प्लान है, जिसके लिए पशुओं के कान में पीला टैग लगाकर उनकी पहचान की जा रही है.
पशु रोग नियंत्रण में आगे मध्य प्रदेश
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अब मध्य प्रदेश के 92.91 लाख गाय और भैंस पंजीकृत हो चुकी है और आगे भी ये काम जारी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुधारु पशुओं को संक्रमण से निजात दिलाने के लिए मध्य प्रदेश ने एफ.एम.डी टीकाकरण की सुविधा भी दी है. राज्य ने लाखों पशुओं को एफ.एम.डी का टीका देकर नया रिकॉर्ड बनाया है. यही वजह है कि अब मध्य प्रदेश को एक पशु प्रधान राज्य के तौर पर देखा जा रहा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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