PM Fasal Bima Yojana: इस साल मौसम की फेर-बदल ने किसानों को खूब परेशान किया. जुलाई में खरीफ सीजन की शुरुआत से लेकर अक्टूबर में कटाई के समय मानसून की वापसी से फसलों को भारी नुकसान हुआ. कुछ राज्यों में सूखा के कारण फसलों से सही उत्पादन नहीं मिल पाया तो कई राज्यों में बाढ़ के कारण फसलें पानी में ही डूब गईं. इस नुकसान की भरपाई के लिए अब कई राज्य सरकारें आगे आई हैं, जिन किसानों की फसल का बीमा नहीं है, उनके लिए राज्य सरकारें मुआवजे का इंतजाम कर रही हैं. वहीं फसल बीमा के लाभार्थी किसानों को भी अब बीमा कंपनियों ने अब पैसा ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है.


इस कड़ी में महाराष्ट्र के करीब 16 लाख 86 हजार 786 किसानों को 6255 करोड़ रुपये का मुआवजा भेजा गया है. इस मामले में महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Beema Yojana) के अंतर्गत बीमा कंपनियों ने नुकसान प्रभावित किसानों को मुआवजा की शराशि जमा करनी शुरू कर दी है, जल्द बाकी बचे किसानों को भी 1644 करोड़ रुपये भेज दिए जाएंगे. कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि फसल बीमा करवाने वाले सभी किसानों को भुगतान किया जाएगा.


खरीफ फसलों के लिए भरपाई
इस मामले में महाराष्ट्र के कृषि मंत्री ने बताया कि खरीफ सीजन 2022 में  प्राकृतिक आपदा और मौसम की अनिश्चितताओं से फसलों को भारी नुकसान हुआ था. इसके लिए अब बीमा कंपनियों ने मुआवजे की रकम भेजना शुरू कर दिया है. इस कड़ी में भारतीय कृषि बीमा कंपनी से 1,240 करोड़ रुपये, एचडीएफसी एर्गो से 6 करोड़ 98 लाख रुपये, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड से 213 करोड़ 78 लाख रुपये, यूनाइटेड इंडिया से 166 करोड़ 52 लाख रुपये और बजाज आलियांज से 16 करोड़ 24 लाख रुपये का मुआवजा जारी किया है. इन बीमा कंपनियों से महाराष्ट्र के 16 लाख 86 हजार 786 किसानों को कुल 6255 करोड़ रुपये का भुगतान मिला है. 


हर किसान को मुआवजा
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री ने राज्य के किसानों को आश्वस्त किया है कि जिन किसानों ने फसल का बीमा करवाया था, उन सभी को नुकसान की भरपाई की जाएगी. राज्य के कुछ किसानों ने फसल नुकसान की जानकारी ऑनलाइन तो कुछ किसानों ने ऑफलाइन सूचना दी थी. राज्य में जांच की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन जिन किसानों ने दो बार आवेदन किया है, उन्हें सिर्फ एक बार ही नुकसान की राशि मिलेगी. इस योजना में दोबार भरपाई का कोई नियम नहीं है. महाराष्ट्र सरकार ने बीमा कंपनियों को सतर्कता बरतने और 5 दिन के अंदर फसल नुकसान का मुआवजा किसानों को ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं.


क्यों करवाएं फसल बीमा
आज के समय में सबसे ज्यादा जोखिमों से भरा काम खेती का ही है, हालांकि इस क्षेत्र में कई अच्छे अवसर भी हैं. इन अवसरों को हासिल करने के लिए किसानों को सुरक्षित ढंग से खेती करने की सलाह दी जाती है. इसके लिए किसानों को हर सीजन में फसल का बीमा करवाने की सुविधा दी जाती है. पीएम फसल बीमा योजना में आवेदन करके किसान को ना के बराबर प्रीमियम भरना होता है.


खरीफ फसलों के लिए 2%, रबी फसलों के लिए 1.5% और बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम देना होता है. इस बीच यदि फसल को प्राकृतिक रूप से नुकसान पहुंचता है तो फिजिकलल वेरिफिकेशन के बाद नुकसान की भरपाई मिल जाती है. इस तरह किसानों पर नुकसान का बोझ नहीं पड़ता. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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