ODOP: एक जिला, एक उत्पाद में महुआ चिन्हित... एमपी का ऐसे नाम रोशन कर रही ये फसल
केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना एक जिला एक उत्पाद के तहत मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में महुआ को चिन्हित किया गया है. राज्य सरकार महुआ को प्रोत्साहन देने के लिए कार्ययोजना तैयार करने में जुटी है.
Mahua In ODOP: एक जिला एक उत्पाद, केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना के तहत प्रत्येक जिले में प्रत्येक राज्य के एक उत्पाद को उसकी विशेष पहचान के रूप में देखा जाता है. खुर्जा की खुरचन, बरेली का झुमका ओडीओपी योजना के तहत ऐसी ही धरोहर हैं. केंद्र सरकार की मंशा है कि राज्य स्तर से प्रत्येक जिले में उसकी पहचान को बढ़ावा दिया जाए. नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर उत्पाद विख्याल हो. मध्य प्रदेश सरकार ने भी इसी दिशा में कदम उठाए हैं. गुणों की खान पफसल को अब राज्य सरकार पहचान दिलाने की कवायद में जुटी है.
उमरिया जिले की पहचान बना महुआ जिला
उमरिया जिले में काफी संख्या में महुआ का उत्पादन होता है. किसान भी बड़े चाव से इसकी खेती कर अच्छी कमाई करते हैं. एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत अब महुआ को चिन्हित किया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसका वानस्पतिक नाम मधुका लॉहगीफोललया है. उष्णकटिबंधीय पेड़ होने के कारण यह सभी मौसम के लिए अनुकूल है. इसका फूल, फल, बीज और लकड़ी सभी प्रयोग में आती हैं.
फल, सब्जी दोनों रूप में होता है प्रयोग
महुआ की खासियत यही है कि यह फल और सब्जी दोनों के रूप में इनका प्रयोग होता है. इसकी विशेषताओं के कारण ही स्थानीय लोग इसे धार्मिक दर्जा भी देते हैं. इसे कुछ इलाकों में महुआदेव के नाम से भी जाना जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह फसल प्रमुख रूप से वन क्षेत्रों में पाई जाती है. इसी कारण वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी इस फसल को खाने में सब्जी की तरह प्रयोग में लाते हैं. वहीं, जब इसकी खेती की जाती है तो फल के रूप में बाजार में बिकता है.
केंद्र, राज्य सरकार चला रही अवेयरनेस प्रोग्राम
महुआ की उपज को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के स्तर से भी अवेयरनेस प्रोग्राम चलाया जा रहा है. राज्य सरकार भी इस दिशा में प्रयासरत है. केंद्र ने महुआ का फल एकत्रण ग्रीन नेट में करने की तकनीक उपलब्ध कराई है. इस तकनीक से किसान अच्छी गुणवत्ता का महुआ एकत्र कर सकेंगे. महुआ को सूखाकर किस तरह प्रयोग में लाया जाए. इसको लेकर पॉली टनल तकनीक एवं भंडारण के लिए सेफ बैग के बारे में भी किसानों को जानकारी दी जा रही है. उमरिया जिले के मानपुर ब्लॉक के गुरुवाही गांव में महुआ को बढ़ावा देने के लिए महुआ फूल प्रसंस्करण ईकाई की स्थापना भी की है. इस ईकाई से काफी लोगों को रोजगार भी मिला है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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