Seasonal Vegetables: आज कृषि सिर्फ किसान या गांव तक ही सीमित नहीं है. यह नए सिरे से जिंदगी शुरू करने का जरिया बन चुका है. इस क्षेत्र से जुड़कर अब पेशेवर युवाओं से लेकर बेरोजगार तक आत्मनिर्भर बन रहे हैं. यहां तक कि अब जेल के कैदियों को भी खेती रके आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है. जी हां. सीजनल सब्जियों की खेती करने के चलते मैनपुरी जेल के कैदी सुर्खियों में छाए हुए हैं. इस कड़कड़ाती सर्दी में खुद कैदी उन्नत किस्म की सब्जियां उगा रहे हैं.
मैनपुरी के जिला जेल की साढ़े 6 एकड़ जमीन पर सब्जियों की खेती हो रही है, जिसके लिए किसी कैमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल नहीं किया जाता. अच्छी बात तो यह है कि मैनपुरी जेल में उगाई जा रही सब्जियां अब कैदियों के पोषण में अहम रोल अदा कर ही रही हैं, साथ में दूसरे जेल के कैदी भी इन सब्जियों को खाकर अपनी सेहत बना रहे हैं.
दूसरे जेल में भी हो रही सप्लाई
मैनपुरी जेल के कैदियों ने जो सीजनल सब्जियां उगाई हैं, उनसे अब दूसरी जेलों में भी सब्जियों की आपूर्ति हो रही है. कारागार महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से मिली जानकारी के मुताबिक, जिला कारागार मैनपुरी के फ़ॉर्म में बंदियों द्वारा उगायी ताजी हरी सब्जियों को मुरादाबाद के जिला कारागार के बंदियों के भोजन के लिए भी सप्लाई किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन दिनों मैनपुरी जेल की सब्जियां आगरा, फिरोजाबाद, एटा समेत आधा दर्जन जेलों में सप्लाई हो रही हैं.
जेल के 40 कैदी बने किसान
मैनपुरी जिला कारागार में अलग-अलग अपराध की सजा काट रहे कैदियों को उनकी क्षमता के अनुरूप काम दिया जाता है, जिससे अपराधी का ध्यान नकारात्मकता से दूर किसी ना किसी काम में लगा रहे. इससे कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में भी मदद मिलती है.
आज मैनपुरी जेल के 30 से 40 कैदियों को भी इसी मकसद से खेती-किसानी से जोड़ा गया है. ये कैदी साढ़े 6 एकड़ में मिल-जुलकर पत्तागोभी, फूलगोभी, पालक, मेथी, गाजर, चुकंदर, मूली जैसी तमाम सर्दियों की सीजनल सब्जियां उगा रहे हैं.
इस काम में अच्छाई यह छिपी है कि ये सब्जियां जैविक खाद-उर्वरकों के इस्तेमाल से उगाई जा रही है, जिसमें कैमिकल का कोई इस्तेमाल नहीं. इससे कैदियों की सेहत भी बेहतर रहेगी.
कैसे आया ये बदलाव
मैनपुरी के जिला कारागार में कैदियों की जीवनशैली बदलने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में जेल की अधीक्षक कोमल मंगलानी का अहम योगदान है. इनके ही दिशा-निर्देशों पर किसानों की तरह कैदियों से भी सब्जियों की खेती करवाई जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट में मैनपुरी जिला जेल अधीक्षक कोमल मंगलानी बताती हैं कि जेल के 30 से 40 कैदियों को सब्जियों की खेती में लगाया गया है. यहां एक बागवानी की कमान भी होती है, जिसमें बंदियों से खेती करवाई जाती है.
अब यहां हर वैरायटी की सब्जी का उत्पादन मिल रहा है, जिससे 1200-1300 कैदियों की सब्जियों की खपत पूरी होती ही है, दूसरी जेलों को भी सप्लाई हो रही है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें:- बाजार में बढ़ गए हैं प्लाईवुड के दाम, मौके का फायदा उठाएं किसान....यह पेड़ लगाया तो लाखों का मुनाफा पक्का