Neem Nimboli Pesticides: नीम एक आयुर्वेदिक औषधी (Ayurvedic Medicine Neem) है, जिसका इस्तेमाल दवाइयों से लेकर कीटनाशक (Neem Pesticide) बनाने में भी किया जाता है. नीम के पेड़ (Neem Tree) का हर हिस्सा इंसान और फसलों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. नीम की पत्तियां, छाल और पेड़ों का इस्तेमाल तो अकसर सुनने में आते हैं, लेकिन नीम की निंबोली में भी कई आवश्यक गुण मौजूद होते हैं, जिनका हम इस्तेमाल नहीं कर पाते और बेकार समझ कर फेंक देते हैं.


बता दें कि नीम की निंबोली का इस्तेमाल कीटनाशक (Neem Pesticides) वाले तेल को बनाने में किया जाता है. वही निंबोली से निकली खली को पाउडर बनाकर फसलों के लिये जैव उर्वरक की तरह प्रयोग कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से फसलों को पोषण तो मिलता ही है, साथ ही की कीट-रोगों के खिलाफ फसलों को सुरक्षा कवच मिलता है. बता दें कि नीम की निंबोली के कोई नुकसान नहीं है, लेकिन किसान इसके इस्तेमाल का सही तरीका जान लें, तो खेती से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं,


निंबोली का तेल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दवा बनाने वाली कई कंपनियां निंबोली की मदद से कीटनाशकों का तेल तैयार करती हैं. करीब 1 टन निंबोली से 8 से 10 गुना तक तेल तैयार किया जा सकता है. तेल निकालने के बाद बची हुई खली का इस्तेमाल भी फसलों का उत्पादन बढ़ाने वाले जैव उर्वरक या पाउडर के रूप में किया जाता है. इस तरह नीम का कोई भी हिस्सा बर्बाद नहीं होता.


इस तरह निकाले नीम का तेल
अकसर गांव में नीम की निंबोलियां घरों में, सड़कों और आंगनों में पड़ी रहती हैं. किसान चाहें तो इन निंबोलियों को इकट्ठा करके इनसे फ्री में फसलों के लिये असरकारी कीटनाशक बना सकते हैं. 



  • नीम का तेल निकालने के लिए निंबोली को ठीक तरह से पकाकर सुखाया जाता है. इसके बाद नीम को अच्छी तरह से पानी में निकालकर उसका छिलका और डंठल अलग कर दी जाती है.

  • फिर नीम के बीजों को मशीन में डालकर तेल निकाला जाता है और उसके खली को बाद में पाउडर के रूप में स्माल किया जाता है.


नीम की खली का पाउडर 
बता दें कि नीम की खली और उसका पाउडर जैविक खाद और उर्वरक के गुणों को कई गुना बढ़ा देते हैं. किसान चाहे तो नीम की खली का पाउडर पानी में मिलाकर खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं.



  • वहीं इसका तेल भी कीटनाशक के रूप में काम आता है. रिसर्च की मानें तो नीम की निंबोली में 16 से ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो फसलों का उत्पादन बढ़ाने में काफी मददगार होते हैं.

  • फसलों से बेहतर उत्पादन लेने के लिए प्रति हेक्टेयर खेत में 5 क्विंटल नीम या फिर नीम की खली का इस्तेमाल कर सकते हैं वही कीटनाशक छिड़काव के रूप में मात्र 3 लीटर तेल ही काफी रहता है.


फसलों का उत्पादन 
नीम के फायदे तो बेमिसाल (Benefits of Neem) है, इसकी खपत के मुकाबले इसके पेड़ों की संख्या काफी कम है. यही कारण है कि कृषि विशेषज्ञ लगातार खरीफ सीजन के दौरान नीम के पेड़ (Neem Tree) लगाने की सलाह देते हैं. बता दें कि नीम का पेड़ 5 से 6 साल का होने पर ही फल यानी निंबोली (Neem Fruits) देता है. इसके एक ही पेड़ से करीब 30 से 50 किलोग्राम तक निंबोली और 350 किलोग्राम तक हरी पत्तियों (Neem Leaves)  का उत्पादन ले सकते हैं. अपने जीवन काल में नीम का पेड़ 100 सालों तक निंबोली का उत्पादन देता है. नीम की 30 किलोग्राम निंबोली का प्रसंस्करण (Neem Processing) करके करीब 6 किलोग्राम तेल (Neem Oil) और 24 किलोग्राम खली (Neem Cake) निकाल सकते हैं.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


इसे भी पढ़ें:-


Fertilizer Management: इन वजहों से कम होती है फसलों की पैदावार, बंपर अनाज के लिए अपनाएं ये आसान तरीके


Cumin Farming: जीरा बिना अधूरा है भारतीय खाने का स्वाद, जानें बुवाई से लेकर कमाई का हिसाब!