Makhana Festival : मखाना पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ है. लोग इसे तल भूनकर खाना पसंद करते हैं. देश में बिहार में काफी अधिक मखाने का उत्पादन होता है. इसे राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए बिहार गवर्नमेंट ने कवायद शुरू कर दी है. इसी कड़ी में देश में पहली बार मखाना महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि बिहार सरकार अपने इस प्रॉडक्ट को बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर ब्रांडिंग कर रही है. इसका लाभ आने वाले समय में मखाना उत्पादन करने वालों को मिलेगा. मखाने के लिए स्टेट को जीआई टैग भी मिल चुका है. इस जीआई टैग को पाने के लिए प्रदेश सरकार और उसके संस्थानों के लेवल से बड़ी मेहनत की थी. 


इस तरह मिला मखाना को जीआई टैग
किसी भी वस्तु या स्थान को जीआई टैग ज्योग्रोफिकल इंडीकेशन मिलना उसकी राष्ट्रीय पहचान को दिखाता है. मखाना को भी जीआई टैग मिल चुका है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मिथिलांचल मखाना उत्पादन संघ पूर्णिया को जीआई टैग दिलाने में भोला पासवान शास्त्री एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की खास भूमिका रही. बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी सबौर की मदद से मखाना की ब्रांडिंग करने को जीआई टैग दिलवाने के लिए वर्ष 2018 में प्रयास किया गया था. मखाना वैज्ञानिकों की टीम ने 1000 से अधिक पन्नों के दस्तावेजों को भौगोलिक सूचक निदेशालय चेन्नई अप्लाई किया था. करीब 4 साल तक की मेहनत के बाद वर्ष 2022 में मिथिला मखाना को जीआई टैग मिल गया था. 


मखाना विकास योजना में 9 जिले शामिल
बिहार में मखाना उत्पादन बढ़ाने के लिए जिलों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. पहले जहां 7 जिले मखाना विकास योजना में शामिल थे. अब उनकी संख्या बढ़कर 9 हो गई है. बिहार में मखाना उत्पादक नौ जिले मधुबनी, दरभांगा, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया के अलावा इस साल सीतामढ़ी  पश्चिमी चंपारण को मखाना विकास योजना में शामिल कर लिया गया है. अगर क्षेत्रफल की बात करें तो वर्ष 2023 में लगभग 1250 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मखाना उत्पादन का विस्तार किया गया है


बिहार में होता 85 प्रतिशत उत्पादन
बिहार गवर्नमेंट बिहार में होने वाले मखाना की अंतराष्ट्रीय ब्रांडिंग कर रही है. इसी कारण देश में पहली बार पहली बार देश का पहला मखाना राष्ट्रीय महोत्सव का आयोजन हो रहा है. भारत में सबसे ज्यादा मखाना उत्पादन बिहार में होता है. यह करीब 85 प्रतिशत है.  इसमें किसान उदमी, वैज्ञानिक सभी एक मंच पर नजर आएंगे. इंटनेशनल लेवल पर मखाना की ब्रांडिंग होंगीं. 29 व 30 नवंबर को दो दिवसीय मखाना महोत्सव का आयोजन पटना में हो रहा है. अधिकारियों का कहना है कि देश में मखाने की अलग पहचाने बनाने के लिए होने वाला यह पहला महोत्सव है. 


 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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