Poultry Farm Management: अंडा एक एनर्जी बूस्टर बन गया है. बॉडी की अच्छी इम्यूनिटी से लेकर हार्ड हेल्थ के लिए लोग सुबह-सुबह एक अंडा जरूर खाते हैं, लेकिन क्या आप इस अंडे के पीछे की कहानी जानते हैं? जो अंडा आप खाते हैं, उसके लिए मुर्गियों को समय पर दाना-पानी दिया जाता है. यदि एक भी दिन इस रूटीन में देरी हो जाए तो मुर्गी अंडा नहीं देती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट बताते हैं कि एक मुर्गी साल के 365 दिन अंडा नहीं देती. ये पूरी तरह से उसकी डाइट, डेली रुटीन और व्यवहार पर निर्भर करता है. यदि पोल्ट्री फार्म का  मैनेजमेंट सही चलता रहे तो साल में 280 से 290 मिल जाते हैं. अब सवाल यह आता है कि मुर्गी को कब-कब और कितनी मात्रा में दाना दें, जिससे कि ये सेंसिटिव बर्ड खुश होकर रोजाना समय से एक अंडा दे दे.


किस मुर्गी को कितना दाना खिलाएं
मुर्गियों से अंडा लेना भी एक कला है. यह बात तो पोल्ट्री किसान ही जानते हैं, जो मुर्गियों से अंडा इकट्ठा करते है. यदि सुबह तक अंडा चाहिए तो मुर्गियों को शाम और रात में चुगने के लिए दाना डालना होता है. यदि दाना डालने में जरा भी देरी हुई तो अंडा अगले दिन के खाते में चला जाएगा, हालांकि ब्रायलर मुर्गी और अंडा देने वाली मुर्गी दोनों का रुटीन अलग होता है. चिकन के प्रोडक्शन वाली मुर्गियों को वजन बढ़ाने वाला दाना दिया जाता है.


ये मुर्गियां दिन-रात दाना चुगती हैं, तब ही इनका वजन बढ़ता है. वहीं अंडा देने वाली मुर्गियों की डाइट बड़ी स्पेसिफिक होती है. अंडा देने वाली मुर्गी को तोलकर दाना दिया जाता है, क्योंकि ज्यादा या कम दाना दिया तो अंडे का वजन और कीमत का एवरेज बिगड़ने लगता है, इसलिए एक समान अंड़े के लिए एक समान डाइट देनी होती है.


मौसम के हिसाब से डाइट बदलें
ठीक पशुओं की तरह मुर्गियों पर भी मौसम के बदलाव का असर होता है. जैसे पशुओं को सर्दियों और गर्मियों की अलग-अलग तरह की डाइट दी जाती है. कमर्शियल या लेयर्ड पोल्ट्री फार्म में भी मुर्गियों को कुछ खास तरीके से खिलाया-पिलाया जाता है. खासतौर पर सर्दियों में मुर्गियां 105 ग्राम तक दाना खा लेती हैं, लेकिन गर्मियों में 100 ग्राम या उससे कम में ही काम चल जाता है.


एक बार में ही मुर्गियों को दाना डालने के बजाए दो से तीन बार फीड करवाया जाता है. इसका सीधा संबंध मुर्गियों के वजन से होता है. दरअसल एक ब्रायलर चिकन को 30 से 35 दिन में मोटा-ताजा बनाना होता है, इसलिए कुछ एक हिस्से में मुर्गियों के रात के समय 125 ग्राम तक दाना डालते हैं.


दाना डालने में देरी तो नहीं मिलेगा अंडा 
अकसर कमर्शियल या लेयर्ड पोल्ट्री फार्म में काम करने वालों को रुटीन बदल जाता है. इसका हर्जाना अडों की कमी से भुगतना पड़ता है. कई बार ऐसा होता है कि फीड आदि देने मे देरी हुई तो 10 से 20 फीसदी मुर्गियां अंडा देना बंद कर देती हैं. कुछ चीजें पोल्ट्री फार्म के इनवायरमेंट पर भी डिपेंड करती हैं.


यदि शोर-शराबा हुआ तो एक दिन का अंडा भूल जाइए, कभी पोल्ट्री में जानवर घुंस आए तो भी अंडा नहीं मिलेगा और यदि पोल्ट्री फार्म की लाइट खोलना बंद करना भूल गए हैं, तब भी एक दिन का अंडा कैंसिल हो जाएगा. यह मुर्गियों का व्यवहार होता है.


अकसर देखा होगा कि दीवाली के आसपास अंडों का उत्पादन कम हो जाता है. ये शोर-शराबे की वजह से होता है, जिसके कारण मुर्गी का अंडा देने का चक्र टूट जाता है. इसी रुटीन का पोल्ट्री किसानों को ध्यान में रखान जरूरी है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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