Paddy Harvesting: पहले सूखा-बाढ़, अब कटाई के लिए तैयार धान पर मंडरा रही ये मुसीबत, एक्सपर्ट्स ने किया अलर्ट
Paddy Farming: भूरा तना मधुआ कीट के प्रकोप से कटाई के लिए तैयार खड़ी धान की फसल को नुकसान पहुंच सकता है. इससे उपज की क्वालिटी और उत्पादन में भी कमी आ सकती है. इसकी रोकथाम के लिए ये उपाय करें किसान.
Paddy Crop Management: इस साल मौसम की अनिश्चितता के कारण धान के किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है. पहले सूखा के कारण धान की रोपाई नहीं हो पाई तो बाद में बाढ़ ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया. अभी भी मुसीबत टली नहीं है.
एक्सपर्ट्स की मानें तो खेतों में खड़ी पछेती धान की फसल (Paddy Crop Management) फसल में इस समय भूरा तना और मधुआ कीट का आक्रमण देखा जा रहा है. यह कीट-रोग खड़ी धान की फसल को नुकसान पहुंचाते है, जिससे उपज की क्वालिटी और उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है. इन समस्याओं की रोकथाम के लिए कृषि विशेषज्ञों ने तुरंत निगरानी और प्रबंधन करने की सलाह दी है.
इस तरह करें पहचान
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, खेतों में कटाई (Paddy Harvesting) के लिए तैयार खड़ी पछेती धान की फसल में भूरा तना मधुआ कीट का खतरा बना हुआ है. मधुआ कीट धान के तनों पर बैठकर पौधों का रस चूस लेते हैं. इससे फसल की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है. यह कीट हल्के भूरे रंग का होता है, जो धान के पौधों के तने पर बैठकर रस चूसते हैं. इसके कारण धान के पौधे पीले पड़ जाते हैं और जगह-जगह छोटा चटाईनुमा क्षेत्र बन जाता है, जिसे हॉपर बर्न भी कहते हैं.
इन बातों का रखें खास
खरीफ धान की फसल में भूरा तना मधुआ रोग रोकथाम के लिए खेत की ग्रीष्मकालीन जुताई करना फायदेमंद रहता है.
- धान के अलावा दूसरे फसलों की रोपाई करते समय उचित दूरी का खास ध्यान रखें, जिससे निगरानी और प्रबंधन में आसानी हो सके.
- हमेशा खेतों में खरपतवार मुक्त रखें, क्योंकि यह खरपतवार ही कीड़ों को आकर्षित करते हैं.
- धान की फसल में बाली निकलते समय खेतों में पानी ना जमने दें. अकसर अधिक नमी के कारण भी फसल में कीट-बीमारियों का खतरा मंडराता है.
- धान की फसल में पोषण प्रबंधन का खास ख्याल रखें. समय-समय पर नाइट्रोजन की अनुशंसित मात्रा का बुरकाव करते रहें.
खरीफ धान फसल में भूरा तना मधुआ कीट के रोकथाम/नियंत्रण के उपाय तथा अनुशंसित कीटनाशक। @KumarSarvjeet6 @saravanakr_n @IPRD_Bihar pic.twitter.com/81MtY5HLUT
— Agriculture Department, Govt. of Bihar (@Agribih) October 27, 2022
इस तरह करें कीट नियंत्रण
खेतों में कटाई के लिए तैयार खड़ी पछेती धान की फसल को भूरा तना मधुआ कीट से बचाने के लिए विशेषज्ञों की सलाह अनुसार कीटनाशकों का छिड़काव करें.
- कीटनाशक छिड़कने के लिए दवा के साथ 500 लीटर प्रति हेक्टेयर पानी का भी इस्तेमाल करें.
- यदि फसल कटाई के लिए तैयार खड़ी है तो रसायनिक छिड़काव के मुकाबले जैविक कीटनाशक का ही छिड़काव करना ही सुरक्षित रहेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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