Black Pepper Farming: पहाड़ों में काली मिर्च की खेती करके मिसाल बने मेघालय के किसान, सरकार ने भी पद्मश्री अवॉर्ड से नवाज़ा
Organic Farming in Hills: समय के साथ नानादरो बी. मारक ने अपने बाग में हजारों काली मिर्च के पेड़ लगाये और वन सरंक्षण के लिये काम किया.
Success Story of Black Pepper Farmer: भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में किसान जैविक खेती को ज्यादा पसंद करते जा रहा है. खासकर मसालों की खेती के लिये मेघालय राज्य में जैविक विधि का प्रयोग किया जा रहा है. पथरीले पहाड़ और कटीले जंगलों में मसालों की खेती से मुनाफा बढ़ रहा है और किसानों द्वारा उगाये गये मसाले देश-विदेश में फेमस हो रहे हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मेघालय के सफल किसान नानादरो बी. मारक ने, जिन्होंने पहाड़ों काली मिर्च की जैविक खेती करके मिसाल कायम की है. कृषि के क्षेत्र में नानादरो बी. मारक के इस खास प्रयोग के लिये भारत सरकार ने साल 2021 में उन्हें पद्म श्री सम्मान ने भी नवाज़ा है.
विरासत में मिला काली मिर्च का बाग
सफल किसान नादरो बी. मारक मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स जिले की धुंधभरी पहाड़ियों में रहते हैं. इनका घर चारों ओर से पहाड़ियों जंगल और मसालों के बागों से घिरा हुआ है. यहां काली मिर्च की खेती का सिलसिला 1980 के दशक में शुरु हुआ. नानदरो बी. मारक को 5 हेक्टेयर में फैले काली मिर्च के बाग अपनी शादी के समय विरासत में मिले. जिसके बाद इन्होंने 3,400 और पेड़ लगाकर अपनी खेती को व्यवसाय में बदल दिया. इन्होंने अपने बाग में किरामुंडा किस्म की काली मिर्च लगाई. समय के साथ इन्होंने अपने बाग में हजारों काली मिर्च के पेड़ लगाये और वन संरक्षण के लिये काम किया.
समझी जंगलों की अहमियत
पहाड़ियों और जंगलों के बीच रहकर खेती करने वाले नानादरो बी. मारक ने खेती के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिये भी काम किया. काली मिर्च की खेती के लिये भी जहरीले रसायनों को छोड़कर जैविक तरीका अपनाया, जिससे जंगल की दूसरी प्रजातियां भी फलती-फूलती रहें. लेकिन पहाड़ियों में काली मिर्च की खेती कोई साधारण काम नहीं है. ये ठीक पत्थर में से पानी निकालने वाले काम जैसा था, नानादरो बी. मारक ने जंगलों की अहमियत और मिट्टी की शक्ति को समझते हुये खेती को और बढ़ाया और कई सरकारी योजनाओं का भी लाभ लिया.
लागत और आमदनी
जानकारी के लिये बता दें कि काली मिर्च की फसल में देखभाल की काफी जरूरत होती है. नानादरो बी. मारक ने भी विरासत में मिले काली मिर्च के बागों को पूरी मेहनत से सींचा, जिसके बाद इन्होंने 10,000 रुपए की लागत में 100 पेड़ और लगाये. मारक ने साल दर साल इन पेड़ों की संख्या बढ़ाई और साल 2019 में काली मिर्च का रिकॉर्ड उत्पादन करके 17 लाख रुपए का मुनाफा कमाया. इनके बागों में अच्छी क्वालिटी की काली मिर्च पैदा होती है, जिसे देश-विदेशों में निर्यात किया जाता है.
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