Millets Production In India: अगले साल विश्व को मिलेट्स इयर के रूप में मनाया जा रहा है. मिलेट्स इयर मनाए जाने की यह कार्रवाई भारत सरकार की कवायद के बाद की गई हैं. भारत विश्व में मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. देश के मोटे अनाज की पहचान अलग लेवल की है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटे अनाज को उत्सव के रूप में मनाकर भारत की ख्याति विश्व में और अधिक बढ़ाना चाहते हैं. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में मोटे अनाज का भोजन किया था. देश के अलग अलग राज्यों में मोटा अनाज बड़ी मात्रा में होता है. मिलेट्स इयर को देखते हुए अब एक स्टेट ने मोटे अनाज का रकबा बड़ा दिया है. 


उत्तर प्रदेश में 14 लाख हेक्टेयर अधिक में होगा मोटा अनाज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मिलेट्स इयर को लेकर राज्य के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अफसरों के साथ बैठक की. बैठक में तय किया गया कि अभी तक 11 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज की खेती की जा रही है. वर्ष 2023 में 25 लाख हेक्टेयर कर दिया जाए. लक्ष्य अधिक बड़ा है. डिपार्टमेंट के अधिकारी इसी हिसाब से तैयारी करके चलें. 


दो गुने से अधिक दिया लक्ष्य
प्रदेश सरकार ने अधीनस्थों को अगले साल मोटे अनाज का रकबा दोगुने से अधिक बढ़ाने का निर्देश दिया है. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोटे अनाज को लेकर की जा रही कवायद को गंभीरता से लिया है. इसी को लेकर योगी सरकार भी गंभीर है. उत्तर प्रदेश में सिंचित भूमि का एरिया 86 प्रतिशत हैं. इस पर धान, गेहूं, दलहन, तिलहनी पफसलें की जाती हैं. 


अन्य राज्यों से होगी बीजों की खरीद
कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देेशित किया है कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और अन्य राज्यों के अधिकारियों से संपर्क करें. प्रदेश में बुआई के लिए मोटे अनाज के बीज का इंतजाम किया जाए. पहली बार 18 जिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बाजरे की खरीद भी की जा रही है. 


यूपी में इतना हो रहा अनाज
उत्तर प्रदेश के अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में मोटे अनाज की प्रमुख पफसलें बाजरा और ज्वार हैं. राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र प्रमुख बाजरा उत्पादक राज्य हैं. एरिया वाइज देखें तो राजस्थान में 43.48 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश 9.04 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 6.88 लाख हेक्टेयर में बाजरे की खेती होती है. वहीं, उत्तर प्रदेश की उपज प्रति हेक्टेयर 2156 किलो ग्राम है. राजस्थान की उपज प्रति हेक्टेयर 1049 किलोग्रामऔर महाराष्ट्र की उपज 955 किलो ग्राम है. 


ज्वार का भी बढ़ेगा रकबा
महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश ज्वार के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं. रकबे के हिसाब से कर्नाटक और प्रति हेक्टेयर प्रति क्विंटल उपज के मामले में कर्नाटक नंबर एक पर है. उत्तर प्रदेश सरकार ज्वार का रकबा बढ़ाने पर जोर दे रही है. उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट का वर्ष 2022 में 1.71 लाख हेक्टेयर लक्ष्य था, वर्ष 2023 में इसे बढ़ाकर 2.24 लाख हेक्टेयर कर दिया गया है. इसी तरह सावां, कोदो का एरिया भी बढ़ाकर डबल कर दिया गया है. 



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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