Millets Year 2023: भारत सरकार वर्ष 2023 को मिलेट ईयर के रूप में मना रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटे अनाज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. केंद्र सरकार राज्य सरकारों का सहयोग लेकर उत्पादन को बढ़ावा देने में जुटी है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि हर राज्य में मोटा अनाज का रकबा बढ़ जाए. इसके लिए समग्र रूप से रणनीति तैयार की जाए. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी दिशा में मोटा अनाज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं.
उत्तर प्रदेश में 72 हजार 500 किसानों की बढ़ेगी इनकम
उत्तर प्रदेश में मोटा अनाज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने कवायद की है. राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश में मोटा अनाज की उत्पादन, उत्पादकता, मार्केटिंग समेत अन्य पहलुओं पर विचार जारी है. इसको लेकर प्रदेश में 55 प्रसंस्करण और पैकेजिंग केंद्र स्थापित किए गए हैं. इससे हर साल 72 हजार 500 किसानों को लाभ मिलेगा. साथ ही लोगों के खाने में मोटे अनाज को शामिल करने के लिए भी लोगों को जागरुक किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में इतना होता है मोटा अनाज
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021-22 में 10.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मोटा अनाज बोया गया था. इसमें से 9.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अकेला बाजरा ही बोया गया. शेष क्षेत्र में ज्वार, कोदो, सावां, मड़वा की बुआई की गई. राज्य सरकार का कहना है कि वर्ष 2023 में मोटा अनाज के रकबा बढ़ाने के प्रयास जारी हैं. उत्तर प्रदेश आने वाले समय में मोटा अनाज का बड़ा उत्पादक राज्य हो सकता है. राज्य में इसके उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं.
भारत में इतना होता है मोटा अनाज का उत्पादन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन के मुताबिक विश्व में में 735.55 लाख हेक्टेयर में मोटा अनाज की खेती की जा रही है. भारत में मोटा अनाज 133 से 143 लाख हेक्टेयर में उगाया जाता है. इससे 162 लाख टन तक का उत्पादन होता है. पैदावार देखें तो 1225 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक होती है. देश में राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात मोटा अनाज के बड़े उत्पादक राज्य हैं. यहां 80 फीसदी से अधिक मिलेट का उत्पादन होता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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