Herbal Garden at Home: कोरोना महामारी के बाद से ही लोग अपनी सेहत के प्रति जागरूक हुए हैं. इस बीच खाली समय में लोगों ने गार्डनिंग (Home Gardening) का शौक भी पाल लिया है. अब लोग सेहत और रसोई की जरूरतों को पूरा करने के लिए घर पर ही आयुर्वेदिक औषधी(Ayurvedic Herbs), मसाले, और हर्बल पौधे लगा रहे हैं. इन पौधों में तुलसी, गिलोय, पुदीना, लेमनग्रास, अजवाइन, चाइव्स, करी पत्ता, अदरक, लैवेंडर, ऑरीगैनो और मिर्च शामिल है.


औषधीय, मसाले और हर्बल पौधों का (Herbal Plants) का कोई ना कोई हिस्सी सेहत के लिए फायदेमंद  होता ही है, वास्तु के हिसाब से भी काफी अच्छा रहता है, इसलिए इन पौधों को कंटेनर या क्यारियां बनाकर छत, बगीचे, बालकनी और यहां तक कि आंगन में भी लगा सकते हैं. 


इन बातों का रखें ध्यान


बता दें कि जड़ी-बूटी, मसाले और हर्बल प्लांट्स को उगाने के लिए जद्दोजहद करने की जरूरत नहीं होती, बल्कि हल्की धूप, सुबह-शाम हल्का पानी और गोबर की खाद की मदद से ही इन पौधों की अच्छी ग्रोथ हो जाती है.



  • जड़ी-बूटी और मसालों के पौधों को बढ़ने और मजबूती के लिए 6-8 घंटे धूप लगनी चाहिए. इसके लिए बालकनी में इन पौधों को लगा सकते हैं.

  • पौधों के लिए कंटेनर, चीनी-मिट्टी के गमले, मिट्टी के घड़े या क्यारियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इनमें पानी के बाहर निकलने का इंतजाम भी करें, जिससे पानी पौधों की जड़ों में ना जमा रहे. 

  • पौधों की किसी प्रमाणित नर्सरी या रजिस्टर्ड ऑनलाइन मार्केट से ही खरीदें, ताकि असली हर्ब्स, मसाले और औषधियां मिल सकें.

  • आप चाहें तो अजवायन, मिर्च, जीरा, सौफ जैसे मसाले और हर्ब्स को बीज से भी तैयार कर सकते हैं, इसके लिए मिट्टी, कोकोपीट और खाद डालकर कंटेनर तैयार किया जाता है.


इस तरह बनाएं हर्बल गार्डन


हर्बल गार्डन (Herbal Gardening) को बनाने और लगाने के कई तरीके हैं. ये पूरी तरह गार्डनर के ऊपर निर्भर करता है, कि किस तकनीक के जरिये कम जगह में गार्डन को सैट कर सकें, जिससे पौधों की देखभाल होती रहे.



  • आप चाहें तो किचन के आस-पास खाली पड़ी जगह या खिड़कियों के सहारे हर्बल गार्डन (Herbal Garden) बना सकते हैं, जिससे जरूरत के समय तुरंत हर्ब्स का इंतजाम हो सके. 

  • बड़े-बड़े शहरों में जगह की बड़ी कमी होती है, इसलिये बालकनी या छत पर हैंगिंग गार्डन (Hanging Garden) बनाने का ट्रेंड चल पड़ा है. इस तरह पौधों की जल निकासी भी हो जाती है और धूप-हवा की सप्लाई भी बनी रहती है. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


इसे भी पढ़ें:-


Incubation Centre: इस राज्य के इन्क्यूबेशन सेंटर का गुड़ बनाएगा जायका, केंद्र सरकार ने की मदद


Lumpy's fear in India: इन राज्यों में दूसरे states से पशुओं की आवाजाही बैन, जानिए और क्या उठाए कदम