Micro Irrigation Technique: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान बताया कि किसानों को कम पानी में फसलों से बेहतर उपज पाने में केंद्र सरकार पूरा सहयोग दे रही है. इस दिशा में स्मार्ट और माइक्रो सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी का परिणाम है कि आज गन्ना और धान जैसी अधिक पानी की खपत वाली फसलें भी कम पानी में उगाने में खास सफलता मिली है. इस दिशा में हरियाणा ने काफी उल्लेखनीय काम किया है. महाराष्ट्र में भी सूक्ष्म सिंचाई पद्धति खेती में मददगार साबित हो रही है.
चावल-गेहूं की खेती में पानी की खपत कम हुई
लोकसभा में कृषि के निर्यात को लेकर सांसद ने एक सवाल पूछा कि हम जो चावल, गन्ना, गन्ना और चीनी के निर्यात करते हैं, उनमें पानी की ज्यादा खपत होती है और इन फसलों का निर्यात करते हुए हम वर्चुअली पानी का भी निर्यात कर रहे हैं, जो भारत जैसी पानी की कमी वाले देश के लिए चिंता का विषय है.
इसके जवाब में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में पानी की इस्तेमाल को कम करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. इस कड़ी में सिंचाई की स्मार्ट माइक्रो एरिगेशन प्रणाली को प्रमोट किया जा रहा है, जिससे कृषि सेक्टर में 20 प्रतिशत पानी की बचत हो रही है. इस दिशा में मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात की सरकार ने इस दिशा में काफी काम किया है.
इन फसलों की करें खेती
जल शक्ति मंत्री ने बतया कि दुनिया में फूड पैटर्न यानी खान-पान के तरीकों में बदलाव हो रहा है. इस बारे में जागरूकता भी बढ़ाई जा रही है, जो हमारे देश के लिए सुनहरा अवसर है. भारत में सबसे ज्यादा मिलेट की खेती होती है और सबसे ज्यादा किस्में यही उगाई जाती हैं.
यदि हम किसानों को मिलेट उगाने के लिए प्रोत्साहित करें और लोगों को इसके उपभोग के बारे में जागरूक करें तो हम पानी की बढ़ती खपत को काफी हद तक कम कर सकते हैं. इसके अलावा पानी की खपत को कम करने के लिए आईसीएआर ने चावल की ऐसी किस्में विकसित की हैं, जिनसे खेती में 25 फीसदी पानी की बचत हो सकती है.
इस मॉडल से मिला कम सिंचाई में अधिक उत्पादन
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि Per Drop More Crop के जरिए कम पानी में अधिक उत्पादन लिया जा रहा है. इसके अलावा, सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए सरकार अलग-अलग तरीके से काम कर रही है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना भी इन अहम कदमों में शामिल है.
कृषि सेक्टर में पानी की सही उपयोगिता सुनिश्चित करने में राज्य सरकारें भी अहम रोल अदा कर रही हैं. खासतौर हरियाणा सरकार ने चावल की खेती को हतोत्साहित करने के लिए इंसेंटिव स्कीम चलाई है, इस पायलेट प्रोजेक्ट के माध्यम से राज्य में लगभग 1 लाख हेक्टेयर रकबा दूसरी फसलों से कवर हुआ है. महाराष्ट्र में भी गन्ना और कपास की खेती के लिए ड्रिप इरिगेशन यानी सूक्ष्म सिंचाई पद्धति को बढ़ावा दिया जा रहा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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