Stubble Management: खरीफ की फसल कटकर मंडी पहुंच चुकी है. फसल का अवशेष खेतोें में पड़ा हुआ है. पंजाब, हरियाणा समेत कई स्टेट में किसान पराली को जला रहे हैं. इससे पर्यावरण में प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है. अकेले पंजाब में ही पराली जलाने के 13 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं जितनी तेजी से बढ़ी हैं. उससे एनवायरमेंट दूषित होने का खतरा भी बढ़ गया है. 


1761 केस आते ही 4 अधिकारी सस्पेंड


पंजाब में बढ़ रही पराली घटनाओं से खुद राज्य सरकार चिंतित है. पराली जलाने के 1761 मामले सामने आते ही राज्य सरकार ने एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के 4 अफसरों को निलंबित कर दिया. राज्य सरकार का कहना है कि पराली जलाना माहौल के लिए बड़ा खतरा है. इसके लिए किसानों को जागरूक होना होगा. इसी से पराली जलाने की घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है. 


दिवाली के बाद बढ़ी पराली जलाने के केस


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते रविवार को ही पंजाब में पराली जलाने के 1,761 मामले दर्ज किए गए. संगरूर में सबसे अधिक 323, पटियाला में 249, फतेहगढ़ साहिब में 122, बठिंडा में 114, तरनतारन में 110, फिरोजपुर में 107 और लुधियाना में 100 केस रिकॉर्ड किए गए. पराली की घटनाओें को रिकॉंर्ड करने के लिए पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर काम कर रहा है. सेटेलाइट से पराली जलाने की घटनाएं देखी जा रही हैं. राज्य में 15 सितंबर से 30 अक्टूबर तक पराली जलाने की 13,873 घटनाएं दर्ज की गईं. वहीं, वर्ष 2020 में 25,986 और वर्ष 2021 में 10,229 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं. 


दम घोंट सकता है स्मॉग


पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. डॉक्टरों का कहना है कि पराली जलाने के कारण एनरवायरमेंट में कार्बन के कण बढ़ जाएंगे. पर्यावरण में ऑक्सीजन लेवल कम होगा. इससे सांस लेने में दिक्कत होगी. सांस रोगियों की संख्या बढ़ेगी. जो लोग पहले से सांस रोगी हैं. उन्हें और अधिक दिक्कत हो सकती है. अस्थमैटिक पेशेंट को तुरंत डॉक्टरों को दिखाना चाहिए. हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश वासियों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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